राहु ग्रह
राहु की कोई जाति नहीं है. सेना में सैनिकों का दर्जा दिया गया है. यह धूम्र वर्ण के हैं, इनकी
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राहु की कोई जाति नहीं है. सेना में सैनिकों का दर्जा दिया गया है. यह धूम्र वर्ण के हैं, इनकी
राहु/केतु एक ही राक्षस था जिसका नाम स्वरभानु था. समुद्र मंथन के समय देवताओं को राक्षसों की सहायता लेनी पड़ी
ज्योतिष में बहुत से अच्छे अथवा बुरे योगों का उल्लेख किया गया है. इन्हीं योगो में से एक योग कालसर्प
राहुर्दानवमन्त्री च सिंहिकाचित्तनन्दनः । अर्धकायः सदा क्रोधी चन्द्रादित्यविमर्दनः ।।1।। रौद्रो रुद्रप्रियो दैत्यः स्वर्भानुर्भानुभीतिद:। ग्रहराजः सुधापायी राकातिथ्यभिलाषुक: ।।2। कालदृष्टिः कालरूपः श्रीकण्ठहृदयाश्रय:
राहु का अपना कोई भौतिक अस्तित्व नहीं होता है. यह एक छाया ग्रह है लेकिन छाया ग्रह होते हुए भी