श्री राम चालीसा और आरती
श्री रघुवीर भक्त हितकारी । सुन लीजै प्रभु अरज हमारी ।। निशि दिन ध्यान धरै जो कोई । ता सम
Astrology, Mantra and Dharma
श्री रघुवीर भक्त हितकारी । सुन लीजै प्रभु अरज हमारी ।। निशि दिन ध्यान धरै जो कोई । ता सम
श्री पार्वती चालीसा ।।दोहा।। जय गिरि तनये दक्षजे शंभु प्रिये गुणखानि । गणपति जननी पार्वती अम्बे ! शक्ति ! भवानि
श्री संतोषी माँ चालीसा ।।दोहा।। श्री गणपति पद नाय सिर, धरि हिय शारदा ध्यान । संतोषी माँ की करूं, कीरति
श्री सूर्य चालीसा ।।दोहा।। कनक बदन कुण्डल मकर, मुक्ता माला अंग । पद्मासन स्थित ध्याइये, शंख चक्र के संग ।।
श्री पितर चालीसा ।।दोहा।। हे पितरेश्वर आपको दे दियो आशीर्वाद, चरणाशीश नवा दियो रख दो सिर पर हाथ । सबसे
।।दोहा।। श्री गणपति, गुरु गौरि पद, प्रेम सहित धरि माथ । चालीसा वन्दन करौं, श्री शिव भैरवनाथ ।। श्री भैरव