श्री गोपाल सहस्त्रनाम स्त्रोत्रम
अथ ध्यानम कस्तूरीतिलकं ललाटपटले वक्ष:स्थले कौस्तुभं नासाग्रे वरमौत्तिकं करतले वेणुं करे कंकणम । सर्वाड़्गे हरिचन्दनं सुललितं कण्ठे च मुक्तावलि
Astrology, Mantra and Dharma
अथ ध्यानम कस्तूरीतिलकं ललाटपटले वक्ष:स्थले कौस्तुभं नासाग्रे वरमौत्तिकं करतले वेणुं करे कंकणम । सर्वाड़्गे हरिचन्दनं सुललितं कण्ठे च मुक्तावलि
यमघण्टक योग को मंगल कार्यों के लिए वर्जित माना गया है. कोई भी मंगल कार्य इस योग में नहीं करना
माना जाता है कि द्विपुष्कर और त्रिपुष्कर में जो भी कार्य किए जाते हैं उनका फल दोगुना व तिगुना हो
प्रारंभ काल
अश्विनी, मघा, मूल, आश्लेषा, ज्येष्ठा और रेवती ये छ्: नक्षत्र गण्डमूल नक्षत्र कहलाते हैं. कोई भी बच्चा जब इन में
जब पंचक नक्षत्र चल रहे हों तब दक्षिण दिशा की ओर यात्रा करना, मकान आरंभ करना, दुकान आदि की छत