शुभ मुहूर्त
जन्म के समय से ही संस्कारों अथवा मुहूर्तों का चयन भिन्न-भिन्न कामों के लिए किया जाता है. जन्म के बाद
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जन्म के समय से ही संस्कारों अथवा मुहूर्तों का चयन भिन्न-भिन्न कामों के लिए किया जाता है. जन्म के बाद
कई बार परिस्थितियाँ कुछ ऎसी हो जाती है कि बच्चा पढ़ाई में पिछड़ने लगता है. माता-पिता के लिए यह एक
इस पाठ की एक माला प्रतिदिन करने से मनोकामना पूर्ण होती है, ऎसा माना गया है. रघुपति राघव राजाराम ।
प्रभुमीशमनीशमशेष गुणं गुणहीनमहीश गरलाभरणम । रण निर्जित दुर्जय दैत्यपुरं, प्रणमामि शिवं शिवकल्पतरुम ।।1।। गिरिराजसुतान्वित-वामतनुं तनुनिन्दितराजित कोटिविधुम । विधिविष्णुशिरोधृत-पादयुगं, प्रणमामि शिवं
दोहा निश्चय प्रेम प्रतीति ते, विनय करै सनमान । तेहि कारज सकल शुभ, सिद्ध करै हनुमान ।। चौपाई जय हनुमंत
कहं लगि आरती दास करेंगे, सकल जगत जाकी जोत विराजे, सात समुद्र जाके चरणनि बसे, कहा भये जल कुम्भ भरे