अथ मूर्त्तिरहस्यम्
देवी की अंगभूता छ्: देवियाँ हैं – नन्दा, रक्तदन्तिका, शाकम्भरी, दुर्गा, भीमा और भ्रामरी. ये देवियों की साक्षात मूर्तियाँ हैं,
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देवी की अंगभूता छ्: देवियाँ हैं – नन्दा, रक्तदन्तिका, शाकम्भरी, दुर्गा, भीमा और भ्रामरी. ये देवियों की साक्षात मूर्तियाँ हैं,
कार्तिक स्नान आश्विन माह की पूर्णिमा से प्रारंभ होकर अगले माह कार्तिक माह की पूर्णिमा पर समाप्त होता है. इस
श्रीगणेशाय नम: रुद्राष्टाध्यायी में कुल आठ पाठ हैं जिसमें पाँचवाँ पाठ मुख्य है. यदि किसी व्यक्ति के पास समय का
पार्वती-मंगल में श्रीतुलसीदास जी ने देवाधिदेव भगवान् शंकर के द्वारा जगदम्बा पार्वती के कल्याणमय पाणिग्रहण का काव्यरूप में रसमय चित्रण
जन्म कुंडली में चंद्रमा सबसे ज्यादा सौम्य ग्रह माना जाता है और कुंडली के अनुसार मन का कारक ग्रह है।
नवग्रहों में सूर्य को राजा माना गया है। सूर्यदेव की दो भुजाएँ हैं, वे कमल के आसन पर विराजमान दिखाए