अथ वैकृतिकं रहस्यम्

ऋषि रुवाच ऊँ त्रिगुणा तामसी देवी सात्त्विकी या त्रिधोदिता । सा शर्वा चण्डिका दुर्गा भद्रा भगवतीर्यते ।।1।। अर्थ – ऋषि

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अथ मूर्त्तिरहस्यम्

देवी की अंगभूता छ्: देवियाँ हैं – नन्दा, रक्तदन्तिका, शाकम्भरी, दुर्गा, भीमा और भ्रामरी. ये देवियों की साक्षात मूर्तियाँ हैं,

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