अथ वैकृतिकं रहस्यम्
ऋषि रुवाच ऊँ त्रिगुणा तामसी देवी सात्त्विकी या त्रिधोदिता । सा शर्वा चण्डिका दुर्गा भद्रा भगवतीर्यते ।।1।। अर्थ – ऋषि
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ऋषि रुवाच ऊँ त्रिगुणा तामसी देवी सात्त्विकी या त्रिधोदिता । सा शर्वा चण्डिका दुर्गा भद्रा भगवतीर्यते ।।1।। अर्थ – ऋषि
देवी की अंगभूता छ्: देवियाँ हैं – नन्दा, रक्तदन्तिका, शाकम्भरी, दुर्गा, भीमा और भ्रामरी. ये देवियों की साक्षात मूर्तियाँ हैं,
28 नवंबर 2020 को शनिवार के दिन बैकुण्ठ चतुर्दशी का व्रत किया जाएगा. शास्त्रों के अनुसार जो व्यक्ति एक हजार
कार्तिक महीने में आकाशदीप का भी महत्व माना गया है. जो व्यक्ति कार्तिक मास आने पर प्रात:काल स्नान करके आकाशदीप
कार्तिक मास में जो भी व्रत आदि रखता है उसे सदा एक पहर रात बचते ही उठ जाना चाहिए फिर
श्रीगणेशाय नम: रुद्राष्टाध्यायी में कुल आठ पाठ हैं जिसमें पाँचवाँ पाठ मुख्य है. यदि किसी व्यक्ति के पास समय का