धनिष्ठा नक्षत्र का उपचार
धनिष्ठा नक्षत्र के देवता आठ वसुओं को माना गया है इसलिए इस नक्षत्र के पीड़ित होने पर इन आठ वसुओं
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धनिष्ठा नक्षत्र के देवता आठ वसुओं को माना गया है इसलिए इस नक्षत्र के पीड़ित होने पर इन आठ वसुओं
इस नक्षत्र के देवता विष्णु जी है और विष्णु जी को संसार के पालन-पोषण का कार्य भार सौंपा गया है.
पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र की अधिष्ठात्री देवी “अप:” को माना गया है जिसका अर्थ है – जल. यहाँ जल को अमृत के
मूल नक्षत्र का देवता भय व मृत्यु की देवी “नृति” को माना गया है. कुछ विद्वान नृति देवी को प्रलंयकारी
ज्येष्ठा नक्षत्र की गणना गण्डमूल नक्षत्रों के अन्तर्गत भी होती है. इस नक्षत्र के स्वामी बुध हैं और इन्द्र इस
अनुराधा नक्षत्र अगर जन्म नक्षत्र होकर पाप प्रभाव में है तब इसके पाप प्रभाव को मिटाने के लिए द्वादश आदित्य