राहु दशा का फल
राहु जन्म कुंडली में कितना ही शुभ क्यूँ ना हो तब भी शुभफल देने में बहुत ज्यदा सक्षम नहीं कहा
Astrology, Mantra and Dharma
राहु जन्म कुंडली में कितना ही शुभ क्यूँ ना हो तब भी शुभफल देने में बहुत ज्यदा सक्षम नहीं कहा
मंगल दशा/अन्तर्दशा के सामान्य फल जब किसी जन्म कुंडली में मंगल ग्रह की दशा चलती है तब इसकी दशा में
रेवती नक्षत्र का स्वामी ग्रह बुध है और इस नक्षत्र के देवता “पूषा” हैं जो सूर्य भगवान का ही एक
जन्म नक्षत्र यदि उत्तराभाद्रपद होकर वह पाप अथवा अशुभ प्रभाव में स्थित है तब इसका उपचार अवश्य करना चाहिए अन्यथा
पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र, जन्म कुंडली में पाप प्रभाव में होने से कई अशुभ परिणामों को जन्म देता है. इस नक्षत्र के
शतभिषा नक्षत्र अगर जन्म नक्षत्र होकर पीड़ित अथवा अशुभ प्रभाव में है तब व्यक्ति को शारीरिक कष्ट प्रदान करेगा जैसे