श्री गणेश चालीसा
जय जय जय वंदन भुवन, नंदन गौरि गणेश । दुख द्वंद्वन फंदन हरन, सुंदर सुवन महेश ।। जयति शंभु सुत
Astrology, Mantra and Dharma
जय जय जय वंदन भुवन, नंदन गौरि गणेश । दुख द्वंद्वन फंदन हरन, सुंदर सुवन महेश ।। जयति शंभु सुत
“ज्योतिष” एक ऎसा शब्द है जिससे वर्तमान समय में सभी लोग भली-भाँति परिचित हैं. यह एक ऎसी विद्या है जो
वैदिक ज्योतिष में बहुत सी बातों की जानकारी उपलब्ध है जिनके आधार पर कुंडली का निर्माण किया जाता है. इन
वर्तमान समय प्रतिस्पर्धा का समय है. हर क्षेत्र में व्यक्ति को प्रतिस्पर्धा से निकलकर ही आगे बढ़ना होता है. चाहे
हर शनिवार को शनि महाराज की पूजा करने के बाद शनि आरती भी करनी चाहिए. इसलिए शनिदेव की कृपा उनके
ज्योतिष में सभी नौ ग्रह का अपना विशिष्ट महत्व होता है. सभी ग्रह अपनी दशा/अन्तर्दशा में अपने फल प्रदान करने