ज्योतिषी बनाम “ठग”

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“ज्योतिष” एक ऎसा शब्द है जिससे वर्तमान समय में सभी लोग भली-भाँति परिचित हैं. यह एक ऎसी विद्या है जो अति प्राचीन विद्याओं में से एक मानी गई है. लेकिन प्राचीन समय और आधुनिक समय में इस विद्या के उपयोग में अच्छा खासा अंतर आ चुका है. पहले इसका उपयोग ऋषि-मुनियों अथवा रा जज्योतिषियों द्वारा किया जाता था. आम जनता कुछ नहीं जानती थी. फिर ब्राह्मणों ने इसका उपयोग किया, परन्तु वर्तमान समय में तो यह विद्या शायद कमाई का एक जरिया अधिक बन गई है. हर कोई व्यक्ति जिसे इस गूढ़ ज्ञान का तिनके जितना भी ज्ञान है, इससे पैसा कमाना चाहता है. हर कोई स्वयं को दूसरे से अधिक ज्ञानी जताने की कोशिश कर रहा है. अधिक से अधिक रुपया कमाना चाह रहा है. इस विद्या का मूल अस्तित्व तो शायद मिटता ही जा रहा है.

ज्योतिष को बढ़ावा देने में मीडिया का भी बहुत अधिक हाथ है. हर कोई ज्योतिषी टी.वी चैनल पर आना चाहता है क्योंकि लोगों के मन में भी यह बात बैठ गई है कि टी.वी पर दिखने वाला व्यक्ति बहुत ज्ञानी है लेकिन वह यह नहीं जानते कि उनकी दुखती नस को दबाने का पूर इन्तजाम किया जा रहा है. टी.वी के पर्दे पर आने वाला एक ज्योतिषी दूसरे से आगे निकलने की होड़ में लगा हुआ है. जिस तरह से भू माफिया या कालाबाजारी ने अपना जाल बिछाया हुआ है ठीक उसी तरह से ज्योतिष माफिया भी तेजी से फैल रहा है. इन्टरनेट की दुनिया पर तो ज्योतिष ने अच्छा खासा कब्जा कर रखा है. किस समस्या का समाधान उनके पास नहीं है….बस प्रश्न करने की देर है. हर तरह के उपायों से व्यक्ति का दुख दूर करने की कोशिश आरंभ कर दी जाती है.

आजकल एक अच्छे ज्योतिषी में अपने सभी प्रोडक्ट बेचने की खूबी होती है. किस तरह से सामने वाले को इमोशनली ब्लैकमेल करना है……………इसकी स्टडी अच्छी तरह से की जाती है. किस तरह से अधिक से अधिक लोगों को आकर्षित किया जाए ……. इसी चिन्ता में दिन – रात एक किया जाता है. बस समस्या बताने की देरी है फिर तो रेस के सभी घोड़े दौडा दिए जाते हैं. प्रेम संबंधी मामलों में तो यह ज्योतिषी धृतराष्ट्र के संजय की भाँति काम करते हैं.

ज्योतिष के इस व्यापार में सच्चे तथा ईमानदार व्यक्तियों का गुजारा नहीं हो सकता है. मैं इस विद्या के ऊपर किसी प्रकार की कोई अंगुली नहीं उठा रही हूँ क्योंकि मैं जानती हूँ कि यह अत्यधिक विश्वसनीय विद्या है. इस विद्या के सही उपयोग से परेशानी व्यक्ति को तिनके का सहारा मिल सकता है. हम ज्योतिष से अपना भाग्य नहीं बदल सकते लेकिन परेशानियों का सामना करने का बल अवश्य प्राप्त कर सकते हैं. जब आदमी चारों ओर से परेशानियों से घिर जाता है तब उसे ज्योतिषी की याद आती है. ऎसे व्यक्तियों को परामर्श की आवश्यकता होती है. ऎसे समय में ज्योतिषी का कर्तव्य है कि डराने की बजाय वह उचित मार्गदर्शन करें.

चन्द्र प्रभा

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