राहु तथा केतु पर्वत

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हथेली में इस पर्वत का क्षेत्र ठीक बीचों बीच, मस्तिष्क रेखा के नीचे, मंगल तथा शुक्र पर्वत के पास माना गया है। भाग्य रेखा इसी पर्वत से होकर शनि पर्वत तक जाती है। राहु का जो क्षेत्र माना गया है अगर वह अत्यन्त पुष्ट और उन्नत है तब ऎसा व्यक्ति निश्चित रूप से भाग्यवान होता है। इसी पुष्ट पर्वत पर से भाग्य रेखा स्पष्ट तथा गहरी होकर अगर आगे बढ़ती है तब ऎसा व्यक्ति जीवन में परोपकारी, प्रतिभावान, धार्मिक तथा सभी प्रकार से सुख भोगने वाला होता है। यदि हथेली में भाग्य रेखा टूटी हुई है पर राहु पर्वत विकसित है तब ऎसा व्यक्ति एक बार आर्थिक दृष्टि से बहुत अधिक ऊँचा उठ जाता है लेकिन फिर बाद में उसका पतन हो जाता है।

यदि किसी हाथ में यह पर्वत अपने स्थान से हटकर हथेली के मध्य की ओर सरक जाता है तो उस व्यक्ति को यौवनकाल में बहुत अधिक बुरे दिन देखने को मिलते हैं। यदि हथेली के बीच का हिस्सा गहरा हो और उस पर से भाग्य रेखा टूटी हुई आगे बढ़ रही है तब वह व्यक्ति यौवनकाल में भिखारी के समान जीवन व्यतीत करता है। यदि राहु पर्वत कम उभरा हुआ है तब ऎसा व्यक्ति चंचल स्वभाव का तथा अपने ही हाथों में अपनी संपत्ति का नाश करने वाला होता है।

 

केतु पर्वत अथवा केतु क्षेत्र

हथेली में इस पर्वत का स्थान मणिबन्ध के ऊपर शुक्र तथा चन्द्र क्षेत्रों को बांटता हुआ भाग्य रेखा के प्रारंभिक स्थान के समीप होता है। इस पर्वत का फल राहु पर्वत की तरह ही देखा जाता है। केतु का प्रभाव जीवन में पाँचवें वर्ष से लेकर बीसवें वर्ष तक देखा जाता है। यदि यह पर्वत स्वाभाविक रूप से उन्नत एवं पुष्ट होता है तथा भाग्य रेखा भी स्पष्ट तथा गहरी हो तो वह व्यक्ति भाग्यशाली होता है तथा अपने जीवन में समस्त प्रकार के सुखों का भोग करता है।

ऎसा बालक गरीब घर में जन्म लेकर भी अमीर होते देखा गया है। यदि किसी के हाथ में यह पर्वत अस्वाभाविक रुप से उठा हुआ हओ और भाग्य रेखा कमजोर है तब उसे बचपन में बहुत अधिक बुरे दिन देखने पड़ते हैं। उसके घर की आर्थिक स्थिति धीरे-धीरे कमजोर होती जाती है और शिक्षा पाने के लिए भी ऎसे बालक को काफी ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऎसा बालक बचपन में बीमार भी होता है।

यदि केतु पर्वत अविकसित हो और भाग्य रेखा भी प्रबल हो फिर भी उसके जीवन से गरीबी मिटती नहीं है। अत: केतु पर्वत के विकसित होने के साथ भाग्य रेखा भी स्पष्ट और विकसित हो तभी व्यक्ति जीवन में पूर्ण रुप से उन्नति कर सकता है।