खग्रास सूर्यग्रहण 21/22 अगस्त 2017

Posted by

यह सूर्यग्रहण भाद्रपद अमावस्या, दिन सोमवार, अगस्त माह की 21/22 की अर्धरात्रि में लगेगा(भारतीय समयानुसार आधी रात). भारतीय समयानुसार ग्रहण का प्रभाव रात के 9 बजकर 16 मिनट से रात्रि 2 बजकर 34 मिनट तक भूगोल पर रहेगा लेकिन भारतीय समय के अनुसार यह सूर्यग्रहण रात में घटित होगा जिससे भारत के किसी भी भाग पर इसका कोई प्रभाव नहीं रहेगा और प्रभाव ना होने से इस ग्रहण सूतक विचार होगा ही नहीं.

यह खग्रास सूर्यग्रहण पश्चिमी यूरोप, उत्तर पूर्वी एशिया, उत्तर पश्चिमी अफ्रीका, उत्तरी अमेरीका, उत्तर पश्चिमी दक्षिणी अमेरीका, प्रशान्त तथा अटलांटिक महासागर में विभिन्न रूपों अर्थात खग्रास, खण्डग्रास तथा ग्रस्तास्त में दिखाई देगा. इन स्थानों पर ग्रहण का विवरण भारतीय समयानुसार निम्नलिखित है :-

ग्रहण प्रारंभ – 21:16

खग्रास प्रारंभ – 22:18

परमग्रास – 23:51

खग्रास समाप्त – 25:32

ग्रहण समाप्त – 26:34

भारत में यह ग्रहण अर्धरात्रि में घटित होगा और रात में सूर्य दिखाई नही देता इसलिए भारत में इस ग्रहण का किसी प्रकार से कोई विचार नहीं किया जाएगा. पृथ्वी के जिस भाग में ग्रहण दिखाई देता है उसी भाग में उसका प्रभाव माना जाता है.

 

ग्रहण का खग्रास मार्ग

इस ग्रहण की आकृति उत्तरी अमेरीका में देखी जा सकेगी और बाकी भागों में यह ग्रहण खण्डग्रास व ग्रस्तास्त रूप में ही दिखाई देगा. अमेरीका में इस ग्रहण का खग्रास मार्ग ओरेगॉन राज्य से साऊथ कैरोलिना तक रहेगा. इन दोनों के मध्य आने वाले राज्यों में से खग्रास मार्ग गुजरेगा. 2 मिनट व 42 सैकेण्ड के लिए हॉपकिन्सविल्ले (Hopkinsville) के निकट चन्द्रमा पूरी तरह से सूर्य व पृथ्वी के मार्ग के मध्य आ जाएगा और सूर्य की किरणों को दिन के समय ही पूरी तरह से ढक लेगा. इस अद्भुत दृश्य को देखने के लिए बहुत से लोगों के यहाँ जमा होने की संभावना बनती है.

उत्तर-पश्चिमी यूरोप में यह खग्रास ग्रहण, खण्डग्रास ग्रस्तास्त रूप में ही दिखाई देगा. ब्रिटेन, दक्षिणी नॉर्वे, हॉंलैण्ड, बैल्जियम, फ्राँस, स्पेन, पुर्तगाल में ग्रहण समाप्ति से पहले ही सूर्यास्त हो जाएगा. आईसलैण्ड, स्कॉटलैण्ड तथा आयरलैण्ड में केवल ग्रहण प्रारंभ ही देखा जा सकता है. लंदन में यह ग्रहण खण्डग्रास रुप में भारतीय समयानुसार 19:40 से 20:10 तक दिखाई देगा.

विशेष – भारत में यह ग्रहण दिखाई नहीं देगा तो इसके सूतक तथा स्नान माहात्म्य आदि का कोई महत्व नहीं है.