उत्तराभाद्रपद नक्षत्र का विस्तार मीन राशि में 3 अंश 20 कला से लेकर 16 अंश 40 कला तक रहता है. इस नक्षत्र का स्वामी ग्रह शनि है, इस नक्षत्र के अन्तर्गत निम्नलिखित व्यवसाय आते हैं :-
इस नक्षत्र में ध्यान तथा योग कराने वाले विशेष व्यक्ति आते हैं. रोग निदान व चिकित्सा विशेषज्ञ, सलाहकार, आध्यात्मिक चिकित्सक, तांत्रिक, दिव्य पुरुष, योगी, तपस्वी, वन अथवा आश्रमवासी, दान संस्था के प्रबंधन से जुड़े व्यक्ति, अन्वेषक अथवा शोधकर्त्ता, दार्शनिक, कवि, लेखक, संगीतज्ञ, कलाकार, विशेष योग्यता से संपन्न होने वाले कार्य आदि आते हैं. वास्तुविद्या, यज्ञ, दान, तपस्या, सन्यास, राजपद, चावल अथवा छिलके के अंदर से निकलने वाले खाद्य पदार्थ, बादाम, काजू आदि का व्यवसाय, वाहन विद्या आदि इस नक्षत्र के अन्तर्गत आती है.
इनके अलावा धैर्य, संतुलन अन्तदृष्टि तथा अतिरिक्त सजगता से होने वाले विविध कार्य, दुकान पर कर्मचारी, रात को पहरा देने वाले सुरक्षाकर्मी, द्वारपाल, इतिहास वेत्ता, पुस्तकालय अध्यक्ष, पुरातत्व वेत्ता तथा बेरोजगार व्यक्ति जिसका जीवनयापन पूर्वजों की संपत्ति अथवा वसीयत अथवा प्राप्त दान से होता है, आदि व्यवसाय को उत्तर भाद्रपद नक्षत्र के अन्तर्गत रखा गया है.