केतु ग्रह धड़ है व सिर राहु है. यह ग्रह सभी ग्रहों में सबसे अधिक रहस्यमयी ग्रह है. यह एक आध्यात्मिक और दैवीय ग्रह है तो दूसरी ओर चिकित्सा के क्षेत्र में रहस्य बना के रखता है. केतु परम्परा का विरोध करने वाले व्यक्ति का कारक है. केतु अन्य ग्रहों के साथ युति करके सूक्ष्म रहस्यों की खोज का कार्य करता है. केतु भाषाओं या बहुभाषाविद का कारक है. कम्प्यूटर का प्रयोग केतु के अधिकार क्षेत्र में आता है.
केतु व्रण, चर्मरोग, अतिशूल, दु:ख, चण्डीश्वर, कुत्ता, वायु विकार, क्षयरोग , ब्रह्मज्ञान, संसार से विरक्त, गणेशादि देवताओं की उपासना और मोक्ष का कारक है. किसी जातक की कुण्डली में 12वें भाव में स्थित केतु मोक्ष दिलाता है.
केतु एक छाया ग्रह है परन्तु कभी – कभी यह स्वतंत्र रुप से कार्य करते हुए भी पाया गया है क्योंकि यह मंगल के जैसे कार्य करता है.