दशरथकृत शनि स्तवन
शनि की पीड़ा से मुक्ति के अकसर लिए दशरथकृत शनि स्तोत्र का पाठ करने का परामर्श दिया जाता है.
Astrology, Mantra and Dharma
शनि की पीड़ा से मुक्ति के अकसर लिए दशरथकृत शनि स्तोत्र का पाठ करने का परामर्श दिया जाता है.
शनि की ढैय्या तथा साढ़ेसाती से मिलने वाले कष्टों को दूर करने के बहुत से उपाय हैं जिनमें से कुछ
शनि एक राशि में ढ़ाई साल तक रहता है और इन ढ़ाई सालों में शनि 9 नक्षत्र चरण पार करता
शनि ग्रह का पतला, लम्बा, कमजोर शरीर है. शनि ग्रह लँगडे़ अर्थात एक टाँग से लंगड़ाकर चलते हैं. इनकी आँखों
दोहा जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल करण कृपाल। दीनन के दुख दूर करि, कीजै नाथ निहाल॥ जय जय श्री
हर शनिवार को शनि महाराज की पूजा करने के बाद शनि आरती भी करनी चाहिए. इसलिए शनिदेव की कृपा उनके