गरुड़ पुराण – बारहवाँ अध्याय
एकादशाहकृत्य-निरुपण, मृत-शय्यादान, गोदान, घटदान, अष्टमहादान, वृषोत्सर्ग, मध्यमषोडशी, उत्तमषोडशी एवं नारायणबलि गरुड़ उवाच गरुड़जी ने कहा – हे सुरेश्वर !
Astrology, Mantra and Dharma
एकादशाहकृत्य-निरुपण, मृत-शय्यादान, गोदान, घटदान, अष्टमहादान, वृषोत्सर्ग, मध्यमषोडशी, उत्तमषोडशी एवं नारायणबलि गरुड़ उवाच गरुड़जी ने कहा – हे सुरेश्वर !
दशगात्र – विधान गरुड़ उवाच गरुड़ जी बोले – हे केशव ! आप दशगात्र विधि के संबंध में बताइए, इसके
जिन व्यक्तियों की कुंडली में राहु कर्क राशि में स्थित है या केतु व मंगल की युति कर्क राशि में
इस अध्याय में पुत्र की महिमा, दूसरे के द्वारा दिये गये पिण्डदान आदि से प्रेतत्व से मुक्ति की बात कही
ऊँ नमस्ते चण्डिके चण्डि चण्डमुण्डविनाशिनी। नमस्ते कालिके कालमहाभयविनाशिनि।। शिवे रक्ष जगद्धात्रि प्रसीद हरवल्लभे। प्रणमामि जगद्धात्रीं जगत्पालनकारिणीम्।। जगत् क्षोभकरीं विद्यां जगत्सृष्टिविधायिनीम्।
श्रीमद्भागवत के आठवें स्कन्ध के आठवें अध्याय में कमला के उद्भव की विस्तृत कथा आती है। देवताओं तथा असुरों के