श्री चन्द्र अष्टोत्तरशतनामावलि:

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जिन व्यक्तियों की कुंडली में राहु कर्क राशि में स्थित है या केतु व मंगल की युति कर्क राशि में हो रही हो और गोचरवश भी यही योग बन रहा हो तब उन्हें अनिष्ट निवारण के लिए प्रतिदिन चन्द्र देव का अष्टोत्तर शतनाम स्त्रोत्र का जाप करना चाहिए और जप करके शिव मंदिर में शिवलिंग पर कच्ची लस्सी, शहद और बेलपत्र के साथ मंत्र बोलते हुए चढ़ानी चाहिए।

 

ध्यान मंत्र –

कर्पूरस्फटिकावदातमनिशं पूर्णेन्दुबिम्बाननम् । मुक्तादामविभूषितेन वपुषा निर्मूलयन्तं तम:।।

हस्ताभ्यां कुमुदं वरं विदधतं नीलालकोद्भासितम् । स्वस्यांकस्थमृगोदिताश्रयगुणं सोमं सुधाब्धिं भजे।।

 

चन्द्र देव का अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र

1) ऊँ श्रीमते नम:।

2) ऊँ शशधराय नम:।

3) ऊँ चन्द्राय नम:।

4) ऊँ ताराधीशाय नम:।

5) ऊँ निशाकराय नम:।

6) ऊँ सुधानिधये नम:।

7) ऊँ सदाराध्याय नम:।

8) ऊँ सत्पतये नम:।

9) ऊँ साधुपूजिताय नम:।

10) ऊँ जितेन्द्रियाय नम:।

11) ऊँ जयोद्योगाय नम:।

12) ऊँ ज्योतिश्चक्रप्रवर्तकाय नम:।

13) ऊँ विकर्तनानुजाय नम:।

14) ऊँ वीराय नम:।

15) ऊँ विश्वेशाय नम:।

16) ऊँ विदुषां पतये नम:।

17) ऊँ दोषाकराय नम:।

18) ऊँ दुष्टदूराय नम:।

19) ऊँ पुष्टिमते नम:।

20) ऊँ शिष्टपालकाय नम:।

21) ऊँ अष्टमूर्तिप्रियाय नम:।

22) ऊँ अनन्ताय नम:।

23) ऊँ कष्टदारुकुठारकाय नम:।

24) ऊँ स्वप्रकशाय नम:।

25) ऊँ प्रकाशात्मने नम:।

26) ऊँ द्युचराय नम:।

27) ऊँ देवभोजनाय नम:।

28) ऊँ कलाधराय नम:।

29) ऊँ कालहेतवे नम:।

30) ऊँ कामकृते नम:।

31) ऊँ कामदायकाय नम:।

32) ऊँ मृत्युसंहारकाय नम:।

33) ऊँ अमर्त्याय नम:।

34) ऊँ नित्यानुष्ठानदाय नम:।

35) ऊँ क्षपाकराय नम:।

36) ऊँ क्षीणपापाय नम:।

37) ऊँ क्षयवृद्धिसमन्विताय नम:।

38) ऊँ जैवातृकाय नम:।

39) ऊँ शुचये नम:।

40) ऊँ शुभ्राय नम:।

41) ऊँ जयिने नम:।

42) ऊँ जयफलप्रदाय नम:।

43) ऊँ सुधामयाय नम:।

44) ऊँ सुरस्वामिने नम:।

45) ऊँ भक्तानामिष्टदायकाय नम:।

46) ऊँ भुक्तिदाय नम:।

47) ऊँ भद्राय नम:।

48) ऊँ भक्तदारिद्रयभंजनाय नम:।

49) ऊँ सामगानप्रियाय नम:।

50) ऊँ सर्वरक्षकाय नम:।

51) ऊँ सागरोद्भवाय नम:।

52) ऊँ भयान्तकृते नम:।

53) ऊँ भक्तिगम्याय नम:।

54) ऊँ भवबन्धविमोचकाय नम:।

55) ऊँ जगत्प्रकाशकिरणाय नम:।

56) ऊँ जगदानन्दकारणाय नम:।

57) ऊँ नि:सपत्नाय नम:।

58) ऊँ निराहाराय नम:।

59) ऊँ निर्विकाराय नम:।

60) ऊँ निरामयाय नम:।

61) ऊँ भूच्छायाच्छादिताय नम:।

62) ऊँ भव्याय नम:।

63) ऊँ भुवनप्रतिपालकाय नम:।

64) ऊँ सकलार्तिहराय नम:।

65) ऊँ सौम्यजनकाय नम:।

66) ऊँ साधुवन्दिताय नम:।

67) ऊँ सर्वागमज्ञाय नम:।

68) ऊँ सर्वज्ञाय नम:।

69) ऊँ सनकादिमुनिस्तुताय नम:।

70) ऊँ सितच्छत्रध्वजोपेताय नम:।

71) ऊँ सितांगाय नम:।

72) ऊँ सितभूषणाय नम:।

73) ऊँ श्वेतमाल्याम्बरधराय नम:।

74) ऊँ श्वेतगन्धानुलेपनाय नम:।

75) ऊँ दशाश्वरथसंरूढाय नम:।

76) ऊँ दण्डपाणये नम:।

77) ऊँ धनुर्धराय नम:।

78) ऊँ कुन्दपुष्पोज्ज्वलाकाराय नम:।

79) ऊँ नयनाब्जसमुद्भवाय नम:।

80) ऊँ आत्रेयगोत्रजाय नम:।

81) ऊँ अत्यन्तविनयाय नम:।

82) ऊँ प्रियदायकाय नम:।

83) ऊँ करुणारससम्पूर्णाय नम:।

84) ऊँ कर्कटप्रभवे नम:।

85) ऊँ अव्ययाय नम:।

86) ऊँ चतुरस्रासनारूढ़ाय नम:।

87) ऊँ चतुराय नम:।

88) ऊँ दिव्यवाहनाय नम:।

89) ऊँ विवस्वन्मण्डलाज्ञेयवासाय नम:।

90) ऊँ वसुसमृद्धिदाय नम:।

91) ऊँ महेश्वरप्रियाय नम:।

92) ऊँ दान्ताय  नम:।

93) ऊँ मेरुगोत्रप्रदक्षिणाय नम:।

94) ऊँ ग्रहमण्डलमध्यस्थाय नम:।

95) ऊँ ग्रसितार्काय नम:।

96) ऊँ द्विजराजाय नम:।

97) ऊँ द्युतिलकाय नम:।

98) ऊँ द्विभुजाय नम:।

99) ऊँ द्विजपूजिताय नम:।

100) ऊँ औदुम्बरनगावासाय नम:।

101) ऊँ उदाराय नम:।

102) ऊँ रोहिणीपतये नम:।

103) ऊँ नित्योदयाय नम:।

104) ऊँ मुनिस्तुताय नम:।

105) ऊँ नित्यानन्दफलप्रदाय नम:।

106) ऊँ सकलाह्लादनकराय नम:।

107) ऊँ पलाशसमिधप्रियाय नम:।

108) ऊँ चन्द्रमसे नम:।