मुहूर्त्त में ज्वालामुखी योग को अत्यधिक अशुभ माना गया है. यदि भूलवश भी इस योग में कोई कार्य आरंभ हो जाए तब वह सफल नहीं होता या बार-बार विघ्न-बाधाएँ व्यक्ति के समक्ष आती रहती हैं जिससे वह कार्य पूरी तरह से सिद्ध नहीं हो पाता. इसलिए इस योग में कोई भी शुभ कार्य आरंभ नहीं करना चाहिए लेकिन दुष्ट व्यक्तियों या शत्रुओं पर प्रयोग के लिए यह योग अच्छा माना गया है.
यह योग, तिथि और नक्षत्र के संयोग से बनता है, जैसे – प्रतिपदा तिथि के दिन मूल नक्षत्र हो, पंचमी तिथि को भरणी नक्षत्र हो, अष्टमी तिथि के दिन कृतिका नक्षत्र, नवमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र और दशमी तिथि को आश्लेषा नक्षत्र पड़ रहा हो तब ज्वालामुखी योग बनता है.
2022 में ज्वालामुखी योग
प्रारंभ काल समाप्ति काल
तिथि (Dates) | समय (Time) | तिथि (Dates) | समय (Time) |
11 अप्रैल | 06:51 | 12 अप्रैल | 04:31 |
14 जून | 18:32 | 15 जून | 13:32 |
18 अगस्त | 23:35 | 19 अगस्त | 23:00 |
19 अगस्त | 25:53 | 20 अगस्त | 25:09 |
14 सितंबर | 10:26 | 15 सितंबर | 08:05 |
19 अक्तूबर | 14:14 | 20 अक्तूबर | 10:30 |
23 दिसंबर | 15:47 | 23 दिसंबर | 25:13 |
Starting Time Ending Time
Dates | Time | Dates | Time |
11 April | 06:51 | 12 April | 04:31 |
14 June | 18:32 | 15 June | 13:32 |
18 August | 23:35 | 19 August | 23:00 |
19 August | 25:53 | 20 August | 25:09 |
14 September | 10:26 | 15 September | 08:05 |
19 October | 14:14 | 20 October | 10:30 |
23 December | 15:47 | 23 December | 25:13 |