मूक प्रश्न  

Posted by

बहुत बार आपके मन में प्रश्न होता है और आप उनका उत्तर जानना चाहते हैं लेकिन प्रश्न किसी ज्योतिषी से पूछना नहीं चाहते हैं. मन में उथल-पुथल रहती है कि कैसे इसका जवाब मिल सकता है. कई बार आपकी कोई निजी अथवा गुप्त बात ऎसी होती है जिसे आप किसी से शेयर नहीं करना चाहते हैं. ऎसे प्रश्नों को हम “मूक प्रश्न” से जानते हैं. मूक प्रश्न अर्थात जो बोले नहीं जाते हैं और मन में ही रहते हैं. जिनका उत्तर आप बिना बताए जान सकते हैं. 

हिन्दु पद्धति में बहुत से यंत्रों का निर्माण हमारे महर्षियों ने किया है. ऎसा ही एक अंक यंत्र हम आपके लिए बनाने जा रहे हैं जिसके आधार पर आप अपने प्रश्नों का उत्तर जान सकते हैं. नीचे दिए यंत्र में 64 खाने बने हैं और हर खाने में एक अंक लिखा है. आपका कोई भी प्रश्न है उसे मन में रखें और जिस भी भगवान को आप मानते हैं उनका ध्यान करें. भगवान का ध्यान करने के बाद आप आँखें बंद कर इस यंत्र के ऊपर अंगुली रखें. आँखे खोलकर देखें कि कौन-सा अंक आता है. अब जो भी अंक आया है उसे याद रखें और यंत्र के नीचे हर अंक का फल लिखा है, जिसे आप देखें कि आपके प्रश्न का क्या उत्तर आया है.   

 

अंक यंत्र 

1 2 3 4 5 6 7 8
16 15 14 13 12 11 10 9
17 18 19 20 21 22 23 24
32 31 30 29 28 27 26 25
33 34 35 36 37 38 39 40
48 47 46 45 44 43 42 41
49 50 51 52 53 54 55 56
64 63 62 61 60 59 58 57

अंक यंत्र में दी संख्याओं का फल 

  1. यदि संख्या एक आती है तब आपके प्रश्न का उत्तर है कि आपका काम अभी कुछ देर से बनेगा लेकिन आप परेशान ना हो और चिंता ना करें. जल्दबाजी अथवा घबराहट से कभी काम नहीं बनता है. मन को शांत करके अपनी बुद्धि का उपयोग करें कि कैसे काम किया जाना चाहिए क्योंकि आपका जो भी प्रश्न है वह अवश्य सफलता पाएगा और आपके पक्ष में परिणाम होंगे. इसलिए चित्त में शांति रखें. 
  2. यदि संख्या दो आती है तब आपका काम नहीं बन पाएगा, इसलिए चिंता करना छोड़ दें. बिना कारण अपना धन और श्रम ना खर्च करें. जो भी प्रश्न है उसके बारे में सोचना बंद करें और किसी अन्य काम में मन लगाएँ क्योंकि लगातार प्रयास करने से सफलता मिलेगी. 
  3. अगर तीन संख्या आती है तब आप जो भी प्रश्न मन में लेकर बैठे हैं वह इस समय नहीं होगा. बावजूद इसके आप काम करते हैं तब कष्ट ही मिलेगा और असफलता हाथ लगेगी. इस काम का विचार मन से निकाल दें और एक सप्ताह शांति से बैठे क्योंकि एक हफ्ते बाद आपको कोई दूसरा विकल्प मिल जाएगा, जो आपका बहुत सरलता से बन जाएगा.
  4. यदि संख्या चार आती है तब आपके प्रश्न का संबंध धन-लाभ से है लेकिन अभी धन मिलने में समय लगेगा. आपका जो भी प्रश्न है उसके बनने में रुकावट आएँगी. आप चाहते हैं कि आपका काम शीघ्र बन जाए तब आप अपने इष्ट देव की उपासना रोज करें, ऎसा करने से आपको लाभ होगा.
  5. यदि संख्या पाँच आती है तब आपका प्रश्न और प्रश्न का परिणाम दोनों ही उत्तम है. भगवान पर विश्वास रखते हुए ध्यान लगाएँ. आपको जल्दी ही भविष्य में लाभ तथा नया सहयोग प्राप्त होगा. आपके विरोधी कमजोर पड़कर पराजय हासिल करेंगे. यदि किसी तरह का विवाद अथवा मुकदमा चल रहा है तब उसमें आपको विजय प्राप्त होगी. 
  6. यदि आपकी संख्या छ्: आती है तब आपका काम तब तक नहीं होगा जब तक कि आप उसे लेकर गंभीर नहीं होते हैं और साथ ही सतर्कता नहीं बरतते हैं क्योंकि आप जिन्हें अपना समझते हैं वे वास्तविकता में आपके शत्रु हैं. शत्रुओं को अपना सारा भेद बता देंगे तब काम नहीं बनेगा. आपके भरोसे का वह अनुचित लाभ उठाना चाहते हैं. दुश्मनों को परास्त करने और अपने काम की सफलता के लिए आप हनुमान जी की आराधना करें. इससे कुछ ही महीनों में आपको लाभ होगा. 
  7. यदि आपकी संख्या सात आती है तब आपके कार्य का भार अकेले आप पर होगा लेकिन इससे आपको घबराना बिलकुल नहीं चाहिए. ऎसे में आप करीबी मित्रों से सलाह लें और विचार कर आगे बढ़े. आपको सफलता अवश्य मिलेगी. काम की सफलता के लिए आपको आलस्य और चिंता का भी त्याग करना होगा. 
  8. प्रश्न की संख्या आठ आती है तब आपका प्रश्न माँ लक्ष्मी की कृपा का है. हाँलाकि आपका काम कठिन है लेकिन आप श्रद्धा और समझदारी के साथ माता लक्ष्मी की उपासना करें. जैसे महालक्ष्मी स्तोत्र का पाठ, उनके बीज मंत्र का जाप अथवा श्रीसूक्त से हवन करें. ऎसा करने से इस साल में आपको आंशिक सफलता मिलेगी. दीपावली के दिन माता लक्ष्मी की उपासना का विशेष ध्यान करने से आपको सफलता मिल जाएगी.
  9. आपके प्रश्न की संख्या नौ आती है तब आपके शत्रु और आपके विरोधी बहुत से लोग बने हैं जो आपके कामों में रुकावटें डालते रहते हैं. आपको ऎसे लोगों की मीठी बातों और झूठे प्रलोभनों से बचना चाहिए. इनके मायाजाल में फँसने से बचना होगा और सतर्क रहें. बुद्धिमानी का उपयोग करके काम करेंगे तब अवश्य ही सफलता मिलेगी. 
  10. आपके प्रश्न की संख्या दस आती है तब आपकी मानसिक हालत आजकल कुछ ठीक नहीं है. मन में अन्तर्द्वंद्व चलने से मन डाँवाडोल भी रहता है. इसलिए भावुकता से बचें क्योंकि भावुक होकर जल्दबाजी में विवेकहीनता के कारण आपके कार्य बिगड़ सकते हैं. संयम रखें और ईश्वर का ध्यान करेंगे तब आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा जिससे आपको ज्यादा से ज्यादा सफलता हासिल होगी. 
  11. संख्या ग्यारह आती है तब आप जिस काम को करना चाहते हैं वह अवश्य ही कठिन है लेकिन आप धैर्य, साहस और पूर्ण आत्मविश्वास के साथ इसे करने में प्रयत्न करते रहें. साथ ही आप भगवान शंकर का स्तोत्र, मंत्र अथवा स्तवन नियमित रुप से करते रहेंगे तब आपका काम कुछ ही दिनों में बन जाएगा. 
  12. प्रश्न की संख्या बारह आती है तब यह कहा जाएगा कि आपका समय काफी दिन से अनुकूल नहीं है लेकिन घबराएँ नहीं क्योंकि कुछ ही दिन में समय अच्छा होने वाला है. अपने इष्टदेव का ध्यान करते हुए, आलस्य को छोड़ काम में लग जाएँ. अगर आप पूरे लगन और निष्ठा से काम में लग जाएँगे तब आपको शुभ परिणाम मिलेंगे और आपके सोचे हुए सारे काम बन जाएँगे. माँ दुर्गा की उपासना करने से आप चमत्कारिक रूप से काफी परिवर्तन महसूस करेंगे. 
  13. प्रश्न संख्या तेरह आती है तब इसका अर्थ है कि आपके विरोधी बड़ी संख्या में है, जो आपका अहित करना चाहते हैं. आपको उनसे दूर रहना चाहिए लेकिन आपके मन में भी किसी का बुरा करने का ख्याल नहीं आना चाहिए वरना आपको नुकसान भुगतना पड़ सकता है. गलत काम की बजाय प्रभु में विश्वास बनाकर रखें और उन्हीं का ध्यान करें. उन्हीं की कृपा से आपका काम पूर्ण होगा. 
  14. प्रश्न संख्या चौदह आने पर जिस कार्य के लिए आपका प्रश्न है उस काम का सकुशल होना अब असंभव है क्योंकि जब काम करने का मौका था तब आपने इसे प्रभावी नहीं बनाया. अगर फिर भी आप ये काम करना चाहते हैं तब प्रमाद को त्यागकर बुद्धिमत्ता से प्रयत्न करने पर आँशिक सफलता मिलेगी.
  15. प्रश्न संख्या 15 आने का अर्थ है कि आप इस समय बहुत परेशान और चिंता में है. मन, संशय तथा संदेह में डूबा है. इसलिए बुद्धि कुंठित होने से आपके पास जो साधन हैं उनका सदुपयोग आप नहीं कर पा रहे हैं. आपको धैर्य रखते हुए, चिंता तथा संदेह को दूर करते हुए कार्य करना चाहिए तभी सफलता मिलेगी. दैवीय शक्तियों पर से विश्वास बनाकर रखें तब शांति का अनुभव करेंगे. 
  16. प्रश्न संख्या 16 आने पर आपके मन में बिना कारण भ्रम बना हुआ है. इसी कारण आपको अपने व पराए का भेद नही कर पा रहे हैं और वहम के कारण परेशान हैं. ऎसे में आप अपने इष्ट की आराधना करें और उन पर पूरा भरोसा रखकर कार्य करेंगे तब आपको अवश्य ही लाभ होगा. 
  17. प्रश्न संख्या 17 आने पर आपका काम माँ जगदम्बा की कृपा के बिना पूरा नहीं होगा. जबकि आपके पास सारे साधन मौजूद हैं, लेकिन माता की कृपा के बिना आप इनका उपयोग नहीं कर पा रहे हैं. इसलिए आप सम्पुट सहित माता दुर्गा सप्तशती का पाठ करें या किसी योग्य व्यक्ति से कराएँ. ऎसा करने से आपको अवश्य ही लाभ होगा. 
  18. प्रश्न संख्या 18 आने का अर्थ है कि आप बेकार की चिंता और भावुकता का त्यागकर दूरदृष्टि से काम लें. कौन मित्र है और कौन शत्रु है, उन्हें पहचानने का प्रयास करें. जो आपके समक्ष मधुर बोलने वाले हैं वही लोग आपके कार्य में बाधा हैं. अत: बुद्धि से काम लें क्योंकि समझ और सूझ-बूझ से अवश्य ही सफलता मिलेगी.
  19. प्रश्न संख्या 19 आने का अर्थ है कि आपका प्रश्न बाहर जाकर धन अर्जन करने का है. प्रश्न अच्छा है, किसी शुभ मुहूर्त्त में आप यात्रा करें. अपने इष्टदेव का स्मरण अवश्य करें. विदेश में आपको अच्छा लाभ होगा इसलिए काम की चिन्ता ना करें. आपको जिस स्थान पर जाना है वहाँ जाकर काम आरंभ करें. 
  20. प्रश्न संख्या 20 का अर्थ है कि आपने चिंताग्रस्त होकर अपनी शक्ति तथा सक्रियता को कम कर दिया है. अत: मन को शांत रखकर काम करें. यदि आप छात्र हैं तो आपको पढ़ाई में लग जाना चाहिए. अगर आप व्यवसायी हैं तब आपको अपने व्यवसाय में ध्यान देना है. परिश्रम, शक्ति और आपकी सूझ-बूझ ही आपकी सफलता की कुंजी हैं. 
  21. प्रश्न संख्या 21 का अर्थ है आपके मन में अस्थिरता के कारण ही आपके काम में लाभ नहीं हो रहा है. कार्य में जो भी विघ्न और बाधाएँ पैदा होती हैं वह आपकी उपेक्षा और प्रमाद से ही होती हैं. इसलिए मन को स्थिर रखकर काम करें. कुछ ही समय बाद आपको शुभ फल मिलेंगे. अगर आप दैवीय कृपा पाने के लिए देवार्चन, हवन तथा पाठ आदि करते हैं तब मन में शान्ति और स्थिरता व्याप्त होगी. 
  22. प्रश्न संख्या 22 आने का अर्थ है कि आपकी चिन्ता अब निरर्थक हैं क्योंकि शीघ्र ही भविष्य में संबंधियों एवं मित्रों से आपको सहायता तथा सहयोग मिलेगा. परिणामस्वरुप आपका काम बन जाएगा, इसलिए मन में संयम रखकर उत्साहपूर्वक कार्य करें. 
  23. प्रश्न संख्या 23 आने का अर्थ है कि आप जिस काम के लिए चिंता कर रहे हैं उस काम का होना पूरी तरह से भगवान के ही हाथ में है. आपके मित्र और सगे-संबंधी सब आपके खिलाफ हैं. आप प्रभु का ध्यान करें, उनके आशीर्वाद से आपका काम जल्दी हो सकता है. फिर भी आप ध्यान रखें कि इस काम का होना बहुत मुश्किल ही है. 
  24. प्रश्न संख्या चौबीस आने का अर्थ है कि आपका प्रश्न धन से जुड़ा है. आर्थिक स्थिति कमजोर होने का कारण बेकार का दिखावा करना और झूठी शान-शौकत है. यदि आप खुद ही फिजूलखर्च करते हैं तब आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत नहीं हो सकती. आप व्यवहारिक बनें और अपनी आमदनी तथा खर्चों को संतुलित रखेंगे तब आपको लाभ होगा. 
  25. प्रश्न संख्या 25 का अर्थ है कि आपका समय विपरीत चल रहा है अर्थात आपके पक्ष में नहीं है. इसी कारण मेहनत का पूरा फल भी आपको नहीं मिल पा रहा है. कुछ समय आपको धीरज रखना होगा. साथ ही सामाजिक तथा धार्मिक कार्यों में ध्यान दीजिए. अगले साल से समय अनुकूल हो जाएगा और आपको लाभ होगा. 
  26. प्रश्न संख्या 26 का अर्थ है कि यदि आप विद्यार्थी हैं तो विज्ञान (Science) एवं गणित (Math) जैसे विषयों को न लेकर कला (Arts) एवं व्यवसायिक (Business Study) विषयों में शिक्षा प्राप्ति और प्रशिक्षण का प्रयास करें. यदि आप व्यापारी हैं तब आपको कल-कारखाना लगाने का विचार त्यागकर किसी चीज का व्यापार करें तो आपको लाभ होगा. 
  27. प्रश्न संख्या 27 आने का अर्थ है कि आपका कोई विवाद अथवा मुकदमा चल रहा है. प्रतिपक्षी आपका संबंधी या पूर्व परिचित है, जो आपका नुकसान करने पर तुला है, लेकिन आप फिक्र ना करें, क्योंकि इसका फैसला पंचों के द्वारा होगा और वह उसके आपके पक्ष में होने की तीव्र संभावना है. आपके विरोधी स्वयं अपमानित हो जाएँगे. इसलिए चिंता त्यागकर आप धीरज तथा बुद्धि से काम करें.
  28. प्रश्न संख्या 28 का अर्थ है कि अपनी जिद में आकर काम करने का प्रयास कर रहे हैं. लेकिन ध्यान रहे कि जिद अथवा दुराग्रह से आपका कोई काम सफल नहीं होगा. आपके प्रतिद्वंद्वी बहुत प्रबल तथा बुद्धिमान हैं, अत: आप बुद्धिमानी से युक्ति द्वारा कार्य करें. जहाँ तक संभव हो किसी समझदार व्यक्ति से परामर्श लेकर कार्य करने का प्रयास करें, अन्यथा सफलता हाथ नहीं आएगी. 
  29. प्रश्न संख्या 29 का अर्थ है कि आप किसी काम को लालच में आकर करने का विचार कर रहे हैं. इसे आपको छोड़ देना चाहिए क्योंकि मेहनत ज्यादा और लाभ कम है. आगे चलकर भी इसमें बहुत सी परेशानियाँ पैदा होगीं. इसलिए लालच छोड़कर इस काम का त्यागकर कोई दूसरा विकल्प देखें. दूसरा विकल्प आपको लाभ देने वाला होगा. 
  30. प्रश्न संख्या 30 आने का अर्थ है कि आपने लोभ में आकर एक कठिन काम शुरु कर दिया है. आपने कुछ लोगों के वादों पर बेकार ही विश्वास किया हुआ है. यह काम आप अकेले नहीं चला सकते और इस समय एक सच्चे सहयोगी का अभाव है. इसलिए इस काम से धीरे-धीरे अपने आपको बाहर निकालना ही हित में है. 
  31. प्रश्न संख्या 31 का अर्थ है कि आपका प्रश्न परीक्षा से संबंधित है और इसमें कठिनाई है, अपनी मनमर्जी है, प्रमाद तथा उपेक्षा है, अत: आप मनमर्जी तथा प्रमाद का त्यागकर पूर्ण मनोयोग से अभ्यास करें. वरना आपको सफलता नहीं मिलेगी. मनोयोगपूर्ण परिश्रम ही सफलता की कुंजी है. 
  32. प्रश्न संख्या 32 आने का अर्थ है कि आपने जिस काम के बारे में प्रश्न किया है, उसे पूरा करने का समय आ गया है. अत: आप उसके लिए तत्पर हो जाएँ. प्रतीक्षा, देरी अथवा आलस्य करने से हानि होगी. इस समय प्रकृति तथा परिस्थितियाँ काफी अनुकूल हैं, अत: प्रयास करते रहने पर सफलता मिल जाएगी. 
  33. प्रश्न संख्या 33 आने का अर्थ है कि आपके कार्य में श्रम तो है ही, साथ ही यह दूसरे के अधीन भी है, इसलिए अकेले प्रयास करने पर सफलता मिलना कठिन है. अगर आप इस कार्य के लिए अपने किसी बहुत करीबी मित्र, भाई-बन्धुओं का सहयोग प्राप्त करें तो आपका कार्य सिद्ध हो सकता है. इसलिए इस कार्य के लिए सबसे पहले कुछ सहयोगियों को तैयार करें. 
  34. प्रश्न संख्या 34 का अर्थ है कि आपके कार्य की सफलता के लिए अनुकूल समय आने वाला है, अत: आप चिंता ना करें. बल्कि आप जल्दी तैयार होकर कार्य करने का प्रयास करें. जितना शीघ्र प्रयास करेंगे, उतनी ज्यादा सफलता मिलेगी. आर्थिक लाभ मिलने का भी उचित समय है इसलिए कार्य करने को तैयार हो जाए. 
  35. प्रश्न संख्या 35 का अर्थ है कि आपने जिस प्रश्न को करने के लिए मन में ठान रखा है, वास्तविकता में वह कार्य आपकी हिम्मत से बाहर है. इस काम को करने से आपके समय तथा श्रम दोनों का दुरुपयोग होगा. बेहतर है कि आप कोई दूसरा काम करने का प्रयास करें. 
  36. प्रश्न संख्या 36 का अर्थ है कि आपको जो भी कार्य करना है उसमें सहयोग करने वाले आपसे अभी दूरी बनाए रखें हैं. इसलिए आपको धीरज रखते हुए कुछ समय इंतजार करना चाहिए. अगर प्रयास ही करना है तब सहयोगियों के निकट पहुँचने का प्रयास करें. अभी कार्य होने में कुछ समय लगेगा. 
  37. प्रश्न संख्या 37 का अर्थ है कि आपने जिस काम को करने का विचार किया है, वह अत्यन्त शुभ है. इससे आपका और आपके संबंधियों का हित सिद्ध होगा. किंतु इस काम में आपके शत्रु और विरोधी लगातार अड़चनें पैदा कर रहे हैं. वह सब मिलकर इस काम को नष्ट करने के लिए कोशिश कर रहे हैं. इसलिए उनकी ओर से सावधान रहकर आपको काम करने का प्रयास करना चाहिए. साहस तथा धैर्य से काम करने पर परिणाम आपके पक्ष में रहेगा. 
  38. प्रश्न संख्या 38 आने का अर्थ है कि आज आपने काफी कष्ट उठाएँ हैं, लेकिन अब आप चिंता ना करें. अब जल्दी ही कष्ट का समय खतम होने वाला है. आने वाले समय में आपका भाग्य उदय होने वाला है. आपके लिए सुख व शांति का वातावरण बनेगा. आपको संतान, लक्ष्मी या यश में से किसी की भी इच्छा है, वह अवश्य ही पूरी होगी. अगर आप कर सकें तो हनुमान जी की उपासना करें. मंगलवार अथवा शनिवार का व्रत करें और जरुरतमंदों को भोजन कराएँ. 
  39. प्रश्न संख्या 39 आने का अर्थ है कि आपका प्रश्न प्रतिक्रिया जाहिर करने का है जो द्वेष तथा बुरी भावना का द्योतक है. इस प्रकार के कार्य से व्यवहारिक तथा वास्तविक अर्थों में कभी कोई लाभ आपको नहीं होगा. आपके लिए उचित होगा कि आप अपने घनिष्ठ मित्रों तथा संबंधियों के प्रतिकूल ना चलें. इससे आपके हाथ विरोध तथा कलह के कुछ नहीं लगेगा. 
  40. प्रश्न संख्या 40 का अर्थ है कि आपके काम में बहुत सी रुकावटें आ रही हैं. इसका कारण आपका स्वाभाविक स्वेच्छाचार तथा आपकी मनमानी है. अगर आप अपना स्वभाव बदल लें और लोगों के साथ शांतिपूर्वक सहयोग द्वारा कार्य करें तब आपको सफलता मिलेगी. विचार, विवेक तथा सहनशक्ति के द्वारा ही आपके सारे काम बनेंगे. 
  41. प्रश्न संख्या 41 का अर्थ है कि आप जिस काम के लिए चिंता कर रहे हैं वह इसलिए नहीं हो पा रहा क्योंकि काम होने से पहले ही आपने उसकी बहुत ज्यादा चर्चा कर दी है. ऎसा करने से काम करने की गोपनीयता भंग हो जाती है. इससे आपके प्रतिद्वंद्वी लाभ उठाते हैं. आप विचारपूर्वक शांति के साथ अपना काम करेंगे तो आपको अवश्य ही सफलता मिलेगी. 
  42. प्रश्न संख्या 42 आने का अर्थ है कि आपका प्रश्न व्यापार से संबंधित हैं और आपको व्यापार में रुकावट तथा हानि हो रही है. इसका कारण यह है कि जिस चीज या वस्तु का आप व्यापार कर रहे हैं उससे आपको लाभ नहीं होने के योग हैं. इसलिए आपको किसी दूसरी वस्तु का व्यापार करना चाहिए जिससे आपको सफलता मिलेगी. इसके साथ ही आप गणपति जी की आराधना करें जिससे व्यापारिक तथा सामाजिक क्षेत्रों में आने वाली आपकी रुकावटें दूर हो जाएँगी. 
  43. प्रश्न संख्या 43 का अर्थ है कि आप बहुत चिंता में है. आपका पिछला समय प्रतिकूल गया है, लेकिन आपको अब चिंता त्याग देनी चाहिए. अब अनुकूल समय आ गया है. इसलिए निराशा छोड़कर पुन: काम में लग जाएँ, आपको सफलता मिलेगी. बुद्धि, शक्ति तथा आपके परिश्रम के उपयोग से सारे काम बन जाएँगे. आपको लाभ की प्राप्ति होगी और पारीवारिक सुख भी मिलेगा. 
  44. प्रश्न संख्या 44 का अर्थ है कि आप कुछ नए काम करना चाहते हैं लेकिन आपके सहयोगी तथा भागीदार आपसे द्वेष भावना रखते हैं. आपके सामने सहयोग का वह केवल दिखावा कर रहे हैं जबकि पीछे वह हर प्रकार से हानि पहुँचा सकते हैं. आप इन पर भरोसा ना करें, जो भी साधन आपके पास हैं आप केवल उन्हीं का उपयोग कार्य करने का प्रयास करें. अगर अभी पर्याप्त साधन उपलब्ध नहीं है तब पहले साधन जुटाएँ. अकेले ही धैर्यपूर्वक कार्य करने से सफलता मिल जाएगी. 
  45. प्रश्न संख्या 45 का अर्थ है कि आप कुछ अनुचित व्यक्तियों के साथ फँस गए हैं जिनके साथ रहने से आपको सभी प्रकार का नुकसान हो रहा है. वे इतने शक्तिशाली हैं कि आप जल्दी से उनका साथ छोड़ भी नहीं सकते हैं. यह आपकी मजबूरी भी है. धीरे-धीरे ही सही आप ऎसे लोगों से खुद को मुक्त कराने का प्रयास करें और उसके बाद अकेले ही स्वतंत्र रूप से काम करें. धीरे-धीरे ही सही, आपको सफलता अवश्य मिलेगी. 
  46. प्रश्न संख्या 46 का अर्थ है कि आपके कामों में जो रुकावटें व बाधाएं आ रही हैं उनका कारण आपकी उपेक्षा अथवा प्रमाद करना है. इस तरह की भूल आपसे स्वाभाविक रुप से हो जाती है. इसका वास्तविक कारण ग्रहों का प्रतिकूल प्रभाव है. इसलिए आपको शांत रहकर अपने इष्टदेव की उपासना करनी चाहिए. इससे आपको अद्भुत व चमत्कारिक लाभ मिलेगा. 
  47. प्रश्न संख्या 47 का अर्थ है कि आपका स्वास्थ्य ठीक नहीं है. इसके लिए आप काफी ईलाज भी करा चुके हैं फिर आप ठीक नहीं हुए. इसका असली कारण है कि आपकी किसी भूल अथवा गलती से आपके कुल देवता रुष्ट हो गये हैं. यदि आप उनकी पूजा, सेवा तथा उपासना करें तो आपको लाभ होगा. 
  48. प्रश्न संख्या 48 का अर्थ है कि आपका प्रश्न विवाद से संबंधित है. आपके विरोधी तथा शत्रु काफी समय से आपको परेशान कर रहे हैं. हालाँकि आप अपनी ओर से सारा विवाद खतम करने को तैयार हैं, लेकिन वे आपकी कमजोरी का नाजायज लाभ उठाना चाहते हैं, अत: घबराहट छोड़कर धीरज से उनका ध्यान रखिए. भगवान हनुमान जी की उपासना से आपको विशेष लाभ होगा. 
  49. प्रश्न संख्या 49 का अर्थ है कि आप पारीवारिक समस्या से चिंतित हैं. परिवार के सदस्यों का सहयोग ना होने के कारण छोटी-छोटी बातें व्यर्थ का विवाद बन जाती है. इस प्रकार के मतभेदों ने आपके घरेलू जीवन को दु:खमय बना रखा है. ऎसी परिस्थितियों में आप शांति से नहीं रह सकते. ऎसी स्थिति अभी कुछ समय ओर चलेगी. माता दुर्गा की उपासना से आपको लाभ मिलेगा. 
  50. प्रश्न संख्या 50 आने का अर्थ है कि परिवार के किसी सदस्य की उन्नति में रुकावट से आप चिंता में है. पूरी कोशिश करने पर भी सफलता ना मिलने के कारण आप परेशान हैं. यह सब प्रतिकूल ग्रहों के प्रभाव से है. आप ग्रह शांति कराएँ और सूर्य भगवान की उपासना करेंगे तब काम बन जाएगा. 
  51. प्रश्न संख्या 51 आने का अर्थ है आपके दाम्पत्य जीवन में रोजमर्रा के मतभेदों से आप चिंता में हैं. अब आपका सुखी जीवन इन छोटी-छोटी बातों से कष्टमय बन गया है. अब आपकी सहनशक्ति भी जवाब दे चुकी है. लेकिन आप ध्यान रखें कि यदि आपने अभी कोई जल्दबाजी की या कठोर कदम उठाया तब आपको इसका प्रतिकूल फल मिलेगा. कारण यह है कि अभी कुछ दिन तक आपका समय इस दृष्टि से अच्छा नहीं है. यदि आप माँ भगवती की उपासना करेंगे तब आपका कष्ट दूर हो सकता है. 
  52. प्रश्न संख्या 52 का अर्थ है कि भाग्य एवं प्रगति से संबंधी कार्यों में विरोध तथा विलम्ब होने के कारण आप चिंता में है. काफी दिनों से इस प्रकार का वातावरण बना हुआ है, किंतु अब आपको चिंता नहीं करनी चाहिए क्योंकि निकट भविष्य में ही आपका भाग्य उदय होने वाला है. यदि हो सके तब आप भगवान विष्णु की उपासना करें क्योंकि इसके करने से आपको पूरा लाभ मिलेगा. 
  53. प्रश्न संख्या 53 का अर्थ है कि आपका प्रश्न साहसिक कार्य से संबंधित है. यद्यपि आप के अंदर साहस, धैर्य तथा बुद्धि का अच्छा सामंजस्य है. आप कई बार जोखिम उठाकर कार्य कर चुके हैं, लेकिन इस बार समय अनुकूल ना होने से आपका काम बनते-बनते बिगड़ रहा हैं. बेहतर होगा कि आप अपना श्रम इस समय किसी दूसरे काम में लगाएँ, क्योंकि इस समय के प्रभाव को देखते हुए अभी इस प्रकार के साहसिक कार्यों में पूरी सफलता के योग नहीं है. 
  54. प्रश्न संख्या 54 का अर्थ है कि काफी समय से प्रतिकूल वातावरण होने के कारण आप जीवन के मार्ग में कुछ शांत हैं तथा प्रगति की दिशा का ज्ञान पाना चाहते हैं. बिना कारण उत्पन्न होने वाली रुकावटों ने आपको परेशान कर रखा है, किंतु आपका भाग्योदय हो सकता है, यदि आप भगवान शंकर का रुद्राभिषेक करें और सोमवार का व्रत कम से कम 16 सोमवार तक रखें. 
  55. प्रश्न संख्या 55 का अर्थ है कि आप रोजगार के लिए परेशान हैं. अभी तक आपको अनुकूल रोजगार नहीं मिल पाया है. कुछ समय के लिए एक कार्य आपने किया भी था, लेकिन वह भी अब छूट चुका है. इन सबका कारण प्रतिकूल ग्रह स्थिति है. यदि शुक्रवार का व्रत और माँ भगवती की उपासना करेंगे तब आपको अच्छा रोजगार मिलेगा और आपकी स्थिति भी काफी मजबूत हो जाएगी. 
  56. प्रश्न संख्या 56 आने का अर्थ है कि आप अपने पारीवारिक सदस्य के बारे में चिंता में है. आपको उसके क्रिया-कलापों तथा उसकी स्थिति ठीक ना होने के कारण कष्ट है. समय की प्रतिकूलता के कारण उसका मन और बुद्धि दोनों ठीक कार्य नहीं कर रहे हैं. परिणामस्वरुप आर्थिक तंगी के साथ-साथ पारीवारिक जीवन भी विषम बना हुआ है. इस कठिनाई का समाधान चण्डी पाठ है. अत: आप दुर्गा सप्तशती का पाठ कीजिए. आपको कुछ समय में ही लाभ होगा. 
  57. प्रश्न संख्या 57 का अर्थ है कि मन की चंचलता के कारण आप अनेक बातें सोचते रहते हैं. यही कारण है कि आप इस समय भी अनेक बातों के बारे में जानना चाहते हैं, किंतु ध्यान रखें कि आपको सफलता क्रमश: मिलेगी, अत: चंचलता और व्यग्रता त्यागकर एक-एक कार्य करने का प्रयास करेंगे तो आपको अपे़क्षाकृत ज्यादा सफलता हासिल होगी. 
  58. प्रश्न संख्या 58 आने का अर्थ है कि आपका प्रश्न यात्रा से संबंधित है और आपको यह ध्यान रखना चाहिए कि अभी परदेश में स्थायी रूप से निवास करने का समय नहीं आया है. इसलिए यह यात्रा अल्पकालीन होगी. आप कुछ समय में अपने व्यवसायिक काम करके लौट आएँगे. समय प्राय: ठीक है और आप शुभ मुहूर्त में यात्रा करें. 
  59. प्रश्न संख्या 59 का अर्थ है कि आपका प्रश्न मुख्यत: आर्थिक होते हुए भी व्यवसाय से संबंधित है. अभी आपको अपने व्यवसाय से पूरा लाभ नहीं होता है. जिन लोगों के पास आपका पैसा फँस गया है, वे दे नहीं रहे हैं और व्यवसाय को चलाने के लिए अन्य आर्थिक साधन जुटते नहीं हैं. इन सब बातों का समाधान कुछ समय बाद हो जाएगा. यदि आप श्रीसूक्त का पाठ और लक्ष्मीजी की उपासना करें, तो शीघ्र अनुकूल परिणाम निकल सकता है. 
  60. प्रश्न संख्या 60 का अर्थ है कि आपका प्रश्न बहुत ही विलक्षण हैं. आप जिस किसी भी प्रकार से केवल धन संग्रह करना चाहते हैं. अच्छा है, आप नकारात्मक या गलत मार्ग छोड़कर अच्छे तरीके अपनाना शुरु करें क्योंकि गलत तरीके से कमाया गया धन भविष्य में कष्ट देगा. उसके संग्रहण में आप अपनी सारी शक्ति लगाकर भी कभी निश्चिंत नहीं हो पाएँगे. 
  61. प्रश्न संख्या 61 का अर्थ है कि आप आजकल जो कार्य कर रहे हैं उसमें कुछ समय के बाद हानि होने की संभावना है, इसलिए सावधान होकर परिस्थिति तथा सहयोगियों का ध्यान रखें. हो सके तो जोखिम भरा काम ना करें और अकेले ही काम करने की कोशिश करें. ईश्वर की आराधना करें, इससे आपको संरक्षण मिलेगा. 
  62. प्रश्न संख्या 62 का अर्थ है कि आपका कार्य काफी कठिन है क्योंकि आपके प्रत्यक्ष और प्रच्छन्न शत्रु अधिक हैं. यह आपके कामों में अड़चनें पैदा करते हैं, इसलिए अपने आसपास के वातावरण में सावधानीपूर्वक मित्र व शत्रु की पहचान करें और फिर बुद्धिपूर्वक प्रयास करें. आप घबराएँ नहीं, इससे कोई लाभ नहीं होगा. आपकी सूझ-बूझ और दूरदर्शिता ही सफलता के पास आपको ले जाएगी. 
  63. प्रश्न संख्या 63 आने का अर्थ है कि काफी समय से कोई अच्छा रोजगार न होने के कारण आजकल आप बेकार हैं. बनते-बनते काम बिगड़ जाते हैं. अब आप सबसे पहले भगवान शंकर की उपासना करें. अगर संभव हो तब आप रुद्राभिषेक अथवा रुद्रयोग करें. इसके प्रभाव से प्रतिकूल परिस्थितियाँ खतम होगीं और आपको अच्छा काम मिलेगा. 
  64. प्रश्न संख्या 64 आने का अर्थ है कि आपने जिद्पूर्वक एक असंभव काम को करने का निश्चय कर रखा है. आपकी शक्ति आपके कार्य की तुलना में कम है. इसलिए पहले आप अपनी शक्ति को एकत्रित करें और फिर काम करें अन्यथा यह काम छोड़कर अपने अनुकूल कोई अन्य काम तलाश करें, क्योंकि केवल हठ करने से काम नहीं बनेगा.