नारंगी रंग (Orange Colour) का महत्व

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लाल व पीला ये दोनों रंग मुख्य रंगों में गिने जाते हैं और इन दोनों रंगों के मिलने से नारंगी रंग बनता है। अगर ज्योतिष की बात की जाए तो ये रंग चंद्रमा का माना गया है। कालपुरुष की कुंडली के अनुसार चंद्रमा चौथे भाव का स्वामी बनता है और वैसे भी चंद्रमा को चतुर्थ भाव का कारक माना गया है और इस कारण से इस रंग को अत्यधिक मिलनसार अथवा सामाजिक माना जाता है जिसका संबंध ऊर्जा तथा प्रेरणा से जोड़ा गया है। यह रंग प्रेरित करने वाला रंग हैं। इस रंग का संबंध उच्च महत्वाकांक्षाओं से भी माना गया है अर्थात जिन लोगों का यह प्रिय रंग है उनकी महत्वाकांक्षाएँ अत्यधिक उच्च होगी।

इस रंग को पसंद करने वाले लोग लाल रंग वालों की तुलना में थोड़ा-सा रिजर्व रहने वाले होते हैं लेकिन इनके स्वभाव की बात की जाए तो आवेशी लोगों की तुलना में अच्छे स्वभाव के होते हैं और आकर्षक व्यक्तित्व के होते हैं। तात्पर्य ये है कि लाल रंग की तुलना में ये कम आवेशी होते हैं। इस रंग का संबंध “कामदेव” से है जो इच्छाओं तथा विवाह के भगवान माने जाते हैं। कई स्थानों पर विवाह के समय अभी भी नारंगी रंग का जोड़ा पहना जाता है। विवाहित स्त्रियाँ लाल अथवा नारंगी रंग के सिंदूर का उपयोग अपने माथे पर करती हैं।

नारंगी रंग लाल रंग की तरह उत्तेजना तो पैदा करता है लेकिन इसमें मिला पीला रंग उत्तेजना को थोड़ा-सा हल्का कर देता है। जन्म कुंडली में चंद्रमा किसी भी बच्चे की बाल्यावस्था को नियंत्रित करता है क्योंकि कुंडली के अनुसार 12 साल तक के बच्चे का आंकलन चंद्रमा की स्थिति से किया जाता है इसलिए चंद्रमा सभी बच्चों की मृत्यु दर के लिए जिम्मेदार समझा जाता है। चंद्रमा का यह नारंगी रंग एनर्जी ड्रिंक के रुप में माना गया है।

जो व्यक्ति नारंगी रंग से प्रभावित रहते हैं अथवा इस रंग की ओर अधिक आकर्षित होते हैं वह बुद्धिमान होते हैं, अच्छे स्वभाव वाले तथा नेकदिल होते हैं, आत्म-निर्भर होते हैं, सहिष्णु तथा दयालु भी होते हैं लेकिन इस रंग को एक तरह से अस्थिर प्रवृत्ति वाला भी माना गया है इसलिए जो लोग इससे अधिक प्रभावित रहते हैं उन्हें किसी भी प्रकार की जुएबाजी तथा सट्टेबाजी से बचकर रहना चाहिए। इस रंग का संबंध महान गतिविधियों से तो जोड़ा ही गया है साथ ही यह अत्यधिक अस्थिर जीवन को भी दर्शाता है।

घर का वो हिस्सा जिसमें ज्यादा समय बिताया जाता है या जिसमें उठा-बैठा जाता है अथवा ड्राईंग रूम या लिविंग एरिया में यदि नारंगी रंग की कमी है तो यह कमी कोई ना कोई स्वास्थ्य संबंधी परेशानी उत्पन्न कर सकती है, जैसे – खाँसी-जुकाम, बुखार, मानसिक दुर्बलता, गर्भ से संबंधी समस्या, पागलपन, स्त्रियों में मासिक धर्म का रुकना, ब्रोंकाईटिस, पित्त की थैली में पथरी होना आदि। इन बीमारियों से बचने के लिए नारंगी रंग का उचित मात्रा में उपयोग करना चाहिए।

नारंगी रंग अगर दिखने में चमकीला है तब यह किसी भी व्यक्ति की ऊर्जाशक्ति को बढ़ा सकता है और यदि हल्का नारंगी रंग उपयोग में लाया जा रहा है तब व्यक्ति खुश अथवा प्रसन्नचित्त रहता है। असल में नारंगी रंग जैसा होता है उसे वैसा घर में उपयोग नहीं करना चाहिए। इसका हल्का अथवा इसके समान या इस रंग जैसी आभा वाला रंग गर्म स्थानों को हौंसला देने वाला होता है और जो जहाँ लोग व्यायाम करते हैं वहाँ ऊर्जा का संचार करता है।

घर या अॉफिस के जिस कमरे में व्यक्ति आपस में जरुरी मीटिंग करते हैं वहाँ के लिए यह रंग अत्यधिक उपयोगी माना जाता है। यह रंग बुद्धि को अथवा मानसिकता को उत्तेजित करने वाला माना जाता है इसलिए पढ़ाई वाले कमरे के लिए यह रंग एक अच्छा साबित हो सकता है। नारंगी रंग व्यक्ति को स्वतंत्र सोच रखने की ताकत प्रदान करता है इसीलिए भारतीय साधु-संत इस रंग का लिबास धारण करते हैं।

नारंगी अथवा संतरे का स्वाद थोड़ा खटास लिए होता है जो भूख को बढ़ाने वाला होता है और अस्थमा से निजात दिलाता है, यह मूत्र संबंधी विकार, शारीरिक अकड़न अथवा ऎंठन से भी छुटकारा दिलाता है। यह सूर्योदय अथवा सूर्यास्त की किरणों जैसा गर्म होता है। अगर घर के ड्राईँग रूम अथवा स्टडी रूम या दोनों ही जगहों पर सूर्योदय की पेंटिंग लगा दी जाए तो यह व्यक्ति को काफी मात्रा में नारंगी रंग की ऊर्जा प्रदान करेगी। यदि प्रतिदिन नियमित रुप से एक गिलास संतरे अथवा नारंगी का जूस पिया जाए तो यह अद्भुत रुप से व्यक्ति की बुद्धिमत्ता में वृद्धि करता है और विद्यार्थियों की पढ़ाई में वृद्धि करता है। यह रंग सेक्स सेंटर पर भी रुल करता है अर्थात सेक्स संबंधी गतिविधियाँ इस रंग के अधीन भी आती हैं। सभी प्रकार के नारंगी रत्न जैसे – कार्नेलियन (Carnelian), फायर ओपल (Fire Opal) और अॉरेंज जैस्पर (Orange Jasper) में से किसी एक को दाएँ हाथ की अनामिका अंगुली (Ring Finger) अथवा कनिष्ठिका अंगुली (Little Finger) में धारण किया जाए तो यह अत्यधिक ऊर्जा प्रदान करते हैं।