एक बार एक बूढ़ा बाबा घर से रोज कमाने निकलता तो उसके रास्ते में एक मंदिर पड़ता था जहाँ बहुत सी औरतें बैठकर बाबा नितनेम की कहानी कहती थी. एक बार वह बूढ़ा उन औरतों से पूछता है कि तुम किसकी कहानी कह रही हो? वे बोली – बाबा हम नितनेम की कहानी कह रहे हैं, आप भी यह कहानी सुन सकते हो. वार सोमवार, वार मंगलवार, वार बुधवार, वार बृहस्पतिवार, वार शुक्रवार, वार शनिवार, वार रविवार पीछे आया सोमवार जो महादेव का वार है. नौ निध बारह सिद्ध बूढ़े बाबा तेरा आसरा, भरियो पीहर सासरा. धन के ढेर लग गए, बाबा तेरे भाग का हुआ है मेरे भाग्य का होगा तो घर में ही हो जाएगा.
बूढ़ा घर गया तो बुढ़िया बोली कि कुछ कमा के लाया है? बूढ़ा बोला – हाँ बहुत कुछ कमा लाया हूँ. नितनेम का नियम लाया हूँ, जगा जोत की रोटी लाया हूँ. तू एक लोटे में चावल और चीनी डालकर ले आ हम नितनेम की कहानी कहेगें. दोनों ने नितनेम की कहानी कही. वार सोमवार, वार मंगलवार, वार बुधवार, वार बृहस्पतिवार, वार शुक्रवार, वार शनिवार, वार रविवार पीछे आया सोमवार जो महादेव का वार है. नौ निध बारह सिद्ध बूढ़े बाबा तेरा आसरा, भरियो पीहर सासरा, अब बूढ़े के घर भी धन हो गया.
बूढ़ा एक दिन बोला कि हमारे घर तो बहुत धन हो गया, जाओ बेटी का भी पता ले आओ. बूढ़ा बेटी के घर गया, उससे पूछा कि बेटी तू सुखी के दुखी? बेटी बोली कि मैं तो बहुत दुखी हूँ. कुछ खाने को हो तो खा लेते हैं नहीं तो मुँह पर हाथ फेरकर सो जाते हैं. बूढ़ा बोला कि कोई बात नहीं बेटी सब ठीक हो जाएगा तू नितनेम बाबा का नियम ले ले. लोटा भरकर उसमें चीनी और चावल के दाने डालकर ले आ. बेटी ने ऎसा ही किया और कहानी कही वार सोमवार, वार मंगलवार, वार बुधवार, वार बृहस्पतिवार, वार शुक्रवार, वार शनिवार, वार रविवार पीछे आया सोमवार जो महादेव का वार है. नौ निध बारह सिद्ध बूढ़े बाबा तेरा आसरा, भरियो पीहर सासरा.
कहानी कहते ही बेटी के घर में धन का ढेर लग गया जिसे देख देवरानी-जेठानी भागी-भागी आई और कहने लगी कि तेरा बाप आया था क्या दे गया? बेटी ने कहा कि मेरा बाप तो बहुत कुछ दे गया. नितनेम बाबा का नियम दे गया, जगा जोत की रोटी दे गया. देवरानी-जेठानी कहने लगी कि हमें भी सुना दे, वह बोली ठीक है तुम भी सुन लो वार सोमवार, वार मंगलवार, वार बुधवार, वार बृहस्पतिवार, वार शुक्रवार, वार शनिवार, वार रविवार पीछे आया सोमवार जो महादेव का वार है. नौ निध बारह सिद्ध बूढ़े बाबा तेरा आसरा, भरियो पीहर सासरा. यह कहते ही धन के ढेर लग गए.
हे नितनेम बाबा ! जैसे आप बूढ़े बाबा के टूटे, बेटी के टूटे ऎसे सबके यहाँ टूटियो, कहानी कहने वाले के यहां भी और कहानी सुनने वाले के यहाँ भी.