पुष्य नक्षत्र

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पुष्य नक्षत्र कर्क राशि में 3अंश(Degree) 20 कला(MInute) से 16 अंश 40 कला तक रहता है. इस नक्षत्र का स्वामी ग्रह शनि है. इस नक्षत्र में सभी प्रकार के डेयरी उद्योग, हर प्रकार का पशु पालन उद्योग, कृषि कर्म आदि इस नक्षत्र में आते हैं. जो लोग खाद्य पदार्थ बेच कर या बना कर अपनी आजीविका चलाते हैं वह भी इस नक्षत्र में आते हैं. खाद्य पदार्थ का कार्य छोटे पैमाने पर हो या बडे़ पैमाने पर हो, खाद्य पदार्थ वितरक हों या निर्माता हों, सभी पुष्य नक्षत्र के अधिकार क्षेत्र में आते हैं.

राजनीति से जुडे़ व्यक्ति, चाहे वो मंत्री हो या सांसद हो, सभी धनी-मानी प्रतिष्ठित व्यक्ति, सभी धर्म गुरु, मनोचिकित्सक, धार्मिक व दान संस्था से जुडे़ व्यक्ति, सलाहकार, अध्यापन व्यवसाय, जल से संबंधित व्यवसाय, समुद्री व्यापार आदि, नेवी में नौकरी आदि सभी कार्य इस नक्षत्र के अधिकार में आते हैं. पुरानी वस्तुओं का संरक्षण करना या उनकी मरम्मत करना या उनका नवीनीकरण करने संबंधी कार्य सभी पुष्य नक्षत्र में आते हैं.

भवन निर्माण, भूमि सुधार कार्य या पुनर्वास से जुडे़ कार्य, सभी प्रकार के धार्मिक व सामाजिक उत्सवों के आयोजन से जुडे़ कार्य, धर्म व सामाजिक उन्नति के कार्य, वित्त प्रबन्धन से जुडे़ कार्य, शेयर बाजार का व्यवसाय भी इस नक्षत्र के अन्तर्गत आता है.

पुष्य नक्षत्र शनि का नक्षत्र है इसलिए इस नक्षत्र मे वह सभी प्रकार के सेवा कार्य आते है जो आजीविका से जुडे़ होते हैं जैसे हर प्रकार के श्रमिक व मजदूर तथा माल ढो़ने वाले लोग आदि.