स्कूल में जब बच्चा पढ़ना शुरु करता है तब अध्यापक सभी बच्चों को समान रुप से लिखना सिखाते हैं लेकिन इसके बावजूद हरेक बच्चे की लिखाई अलग हो जाती है. बड़े होते-होते तो लिखाई एक नया रुप ही ले लेती है. इसी तरह से हर व्यक्ति के अपने अलग अंदाज के हस्ताक्षर होते हैं जो अपनी एक अलग कहानी बयां करते हैं. हस्ताक्षर के आधार पर हर व्यक्ति का अपना विशेष व्यक्तित्व होता है. हस्ताक्षर से किसी व्यक्ति के चरित्र के बारे में जाना जा सकता है. आइए जानने का प्रयास करें कि व्यक्ति कितने तरह से हस्ताक्षर करते हैं और उनका क्या अर्थ निकलता है.
1) जो व्यक्ति हस्ताक्षर करते समय पेन को कागज से उठाए बिना लगातार लिखते हैं वह जीवन में सभी से मित्रता करना चाहते हैं लेकिन पुराने ढर्रे पर चलने वाले होते हैं. जो नियम उनके बचपन में तय हो गए उनमें समयानुसार कोई परिवर्तन आसानी से नहीं करते हैं. ये जीवन में नए प्रयोगों को कभी अपनाना नहीं चाहते हैं अर्थात कोई बदलाव नहीं. एक तरह से कहा जा सकता है कि ये रुढिवादी होते हैं और अपने विचारों को ही अधिक महत्व देते हैं. व्यवहारिक नहीं होते और इनकी प्रवृत्ति रहस्यमयी होती है. कंजूस तथा चुगलखोर होने के साथ काफी महत्वाकांक्षी भी होते हैं.
2) जिन लोगों के हस्ताक्षर नीचे से ऊपर की ओर जाते हैं उनमें काफी उत्साह देखा जाता हैं और महत्वाकांक्षी भी होते हैं. जिस भी काम में हाथ डालते हैं उसमें सफलता पाते हैं और इसी कारण समाज में इनका एक खास ओहदा भी बन जाता है.
3) जो व्यक्ति अपने हस्ताक्षर का आरंभ अपने नाम के पहले अक्षर से तो करते हैं लेकिन पूरा नाम ना लिखकर बाद में अपना पूरा उपनाम (Surname) लिख देते है वह हृदय से सरल होते हैं, चालाकी कोसों दूर रहती है. ये समाज में भी मेलजोल से रहते हैं और सभी के साथ अच्छा व्यवहार रखने के कारण व्यवहार कुशल कहलाते हैं.
4) जो व्यक्ति छोटे हस्ताक्षर करता है और हस्ता़ार को काफी तोड़-मरोड़ भी देता है जिससे क्या लिखा है समझ नहीं आता तब ऎसे व्यक्ति का चरित्र नहीं समझा जा सकता है. बाहर क्या है और भीतर क्या है, कोई भाँप नहीं सकेगा. ऎसे व्यक्ति धूर्त व चालाक किस्म के होते हैं और अपने स्वार्थ के लिए अपनो तक को धोखे में रख सकते हैं. मित्रों को भी दगा देना इनके लिए कोई बड़ी बात नहीं है बस इनका मतलब सिद्ध होना चाहिए. इन्हें केवल अपना लाभ नजर आता है.
5) जो व्यक्ति हस्ताक्षर करते हुए बीच में कुछ अवरोधक चिन्ह लगा देते हैं तब ऎसे में वे हीन भावना के शिकार हुए होते हैं. कोई भी काम करना हो उसके लिए सामाजिकता तथा नैतिकता की दुहाई देते रहते हैं.
6) जो व्यक्ति पेन को गड़ा-गड़ाकर हस्ताक्षर करता है और कागज के दूसरी ओर भी उभरे हुए अक्षर दिखाई दें तब ऎसे व्यक्ति में ऊर्जाशक्ति काफी अधिक होती है लेकिन यह जिद्दी किस्म के भी होते हैं. जिद्दी व हठी होने के साथ ये भावुक भी होते हैं और इनकी पसंद की बात कर के आसानी से इन्हें पिघलाया जा सकता है. ये अपनी बात को स्पष्ट रुप से कह देते हैं लेकिन यदि किसी बात को लेकर सफाई देनी पड़े तब परहेज करते हैं.
7) जो लोग हस्ताक्षर करने के बाद उसके नीचे दो लाईन खींचते हैं और फिर उन लाईनों के नीचे भी दो बिन्दु लगा देते हैं, तब ऎसे व्यक्ति समाज में ख्याति पाते हैं. जीवन में काफी सफल होते हैं और इतिहास में भी नाम दर्ज करा लेते हैं.
8) जो लोग हस्ताक्षर करते समय शब्दों को ऊपर से नीचे की ले जाते हैं, वह नकारात्मक विचारों के होते हैं. नकारात्मकता काफी ज्यादा भरी रहती है. किसी से भी घुलते मिलते नहीं हैं और समाज में इनका दायरा भी काफी सीमित रहता है. ये दूसरों के प्रति भी नकारात्मक विचार मन में रखते हैं और दुखी से रहते हैं.
9) जो लोग अपने हस्ताक्षर के अंतिम अक्षर को या उसमें लगी मात्रा को ऊपर की ओर ले जाकर छोड़ देते हैं वह सकारात्मक विचारों के होते हैं. ऎसे व्यक्तियों के बहुत से सपने होते हैं जिन्हें वे पूरा करने को तत्पर रहते हैं. दिल के साफ होते हैं और किसी के प्रति कोई मैल मन में नहीं रहता है. सभी के साथ मिलजुलकर रहने वाले तथा मृदुभाषी व्यक्ति होते हैं.
10) जो लोग अपने हस्ताक्षर के नीचे दो लाईने खींच देते हैं, ऎसे व्यक्ति का बचपन अभावों में बीता हुआ हो सकता है अथवा विपरीत परिस्थितियों में भी बचपन बीत सकता है या किन्हीं कारणों से पढ़ाई बीच में छूटी हुई हो सकती है. मन में असुरक्षा की भावना व्याप्त रहती है और भावुक होते हैं. ये लोग पैसा खर्चने में हाथ तंग रखते हैं.
11) जो व्यक्ति अपने हस्ताक्षर के अंत में डैश या डॉट (बिन्दु) लगाते हैं वह स्वभाव से शर्मीले होने के साथ डरपोक भी होते हैं. किसी पर आसानी से भरोसा नहीं करते हैं इसलिए इन्हें सभी शक्की प्रवृत्ति का समझते हैं. यहां तक की अपने मित्रों को भी ये संदेह की दृष्टि से देखते हैं. लेकिन सिर्फ एक बिन्दु लगाने वाले व्यक्ति की एक खासियत यह भी होती है कि वह जो काम शुरु करते हैं उसे खतम जरुर करते हैं, अधूरा नहीं छोड़ते.
12) ऎसे हस्ताक्षर जो जल्दबाजी में करने पर भी स्पष्ट दिखाई देते हैं, उन्हें करने वाला व्यक्ति हर काम को शीघ्रता से निपटाने वाला होता है. काम को समय रहते निपटाना या समय से पहले खतम कर देना इनकी फितरत होती है. ये विपरीत परिस्थितियों में भी धैर्य खोये बिना अपनी बुद्धि से काम लेते हुए सक्रिय रहते हैं और तत्काल निर्णय ले लेते हैं.
13) जो लोग जल्दबाजी में अस्पष्ट हस्ताक्षर करते हैं वे काफी महत्वाकांक्षी होते हैं और शीघ्रता से ऊँचाईयों पर पहुंच जाना चाहते हैं. सफलता पाने के लिए ये दूसरों को धोखा देने से भी नहीं चूकते हैं.
14) जो लोग हस्ताक्षर के नीचे एक लाईन लगा देते हैं वह सभा में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की ईच्छा रखते हैं अर्थात जहां भी होते हैं वहां चाहते हैं कि लोग उनकी तरफ भी ध्यान दें.
15) जो लोग बड़े-बड़े हस्ताक्षर करते हैं उनमें घमंड काफी देखा गया है और हर बात को बढ़ा-चढ़ाकर कहना इनकी आदत होती है. ऎसे लोग हीन भावना का भी शिकार रहते हैं.
16) जो लोग कलात्मक रुप से हस्ताक्षर करते हैं उनमें कला के प्रति प्रेम देखा जा सकता है और ऎसा व्यक्ति अपने दिमाग की खाते हैं. जो व्यक्ति हस्ताक्षर करने के बाद एक स्माईली बना देता है तब ऎसा व्यक्ति खुशमिजाज रहने वाला होता है.
17 जो लोग हस्ताक्षर के आरंभ के पहले अक्षर के ऊपर एक गोला लगा देते हैं वह अपने चारों ओर एक सुरक्षा कवच बनाकर चलते हैं ताकि कभी उनके ऊपर कोई अंगुली ना उठा पाए.
18) जो लोग हस्ताक्षर करने के बाद उसके नीचे एक लाईन लगाने की कोशिश में अपने ही हस्ताक्षर के किसी अक्षर को काट देते हैं तब ऎसे में वह अपने पैर पर खुद कुल्हाड़ी मारने जैसा काम करते हैं.
19) ना छोटे हस्ताक्षर और ना ही बड़े हस्ताक्षर हों. एक लयबद्ध तरीके से हस्ताक्षर करने वाला व्यक्ति जीवन में संतुलित रहता है. स्वभाव से अच्छा होता है और सभी गुण उसमें पाए जाते हैं.
20) जो व्यक्ति अक्षरों के सामान्य आकार की बजाय छोटे आकार में हस्ताक्षर करता है और केवल अपना नाम लिखता है तब ऎसा व्यक्ति आत्मकेन्द्रित होता है और वह परिवार से अलग रहने वाला होता है.
21) जो व्यक्ति अपने नाम के साथ अपना उपनाम भी स्पष्ट रुप से तथा पूरा लिखता है तब ऎसा व्यक्ति अपने परिवार को साथ लेकर चलने वाला होता है. हर किसी के सुख-दुख में साथ निभाने वाला होता है.