बृहस्पति देवताओं के गुरु हैं. इन्हें सभी ग्रहों में एक सम्माननीय स्थान प्राप्त है. इनका माँसल विशालकाय शरीर है, बडा़ पेट है. आँखे पीले रंग की है तथा पीलापन रंग लिए हुए है. पीले वस्त्र पहनते है, बाल लम्बे हैं. बृ्हस्पति गुणों की खान हैं. इन्हें ग्रहों में मंत्री का दर्जा मिला है. ये सलाहकारिता (Adviser) का काम करते हैं. ज्ञान को बाँटने के लिए लालायित रहते हैं. वेद की प्रतिमूर्ति है. बुद्धिमान, विवेकशील, है. धार्मिकता के प्रणेता हैं.
बृ्हस्पति सात्विक प्रवृति के हैं, कफ़ प्रकृ्ति है, वाणी विनम्र लेकिन आदेशात्मक है. बृ्हस्पति पवित्र हैं तथा उत्कृ्ष्ट दिव्यता के द्योतक हैं. बृ्हस्पति संतान, बडे़ भाई तथा परिवार के सम्माननीय व्यक्ति के कारक ग्रह हैं. प्राचीन समय में बृ्हस्पति पुजारी, विद्वान पंडित तथा राजा के सलाहकार के कारक ग्रह थे.
आधुनिक समय में बृ्हस्पति न्यायाधीश, अध्यापक, वकील, कानूनी सलाहकार या कानूनी विशेषज्ञ, प्रबन्धन विशेषज्ञ, मनोवैज्ञनिक तथा साहूकार आदि का कारक ग्रह है. गुरु ग्रह अपना कार्य, यज्ञ इत्यादि कर्म, धर्म, ब्राह्मण, देवता, मित्र, सोना आदि के भी कारक ग्रह हैं.
उत्तरकालामृ्त में पौत्र और दादा का कारक गुरु ग्रह को माना गया है. भृ्गु ज्योतिष के अनुसार बृ्हस्पति पति का भी कारक ग्रह है. यह ग्रह कर्क राशि में उच्च के होते हैं और 5 अंशों पर परमोच्च रहते हैं. 180 अंश की दूरी अर्थात मकर राशि में बृहस्पति नीच के हो जाते हैं और 5 अंश पर परम नीच होते हैं.