वैशाख की अक्षय तृतीया और द्वादशी की महत्ता
श्रुतदेव जी कहते हैं – जो मनुष्य अक्षय तृतीया को सूर्योदय काल में प्रात: स्नान करते हैं और भगवान विष्णु
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श्रुतदेव जी कहते हैं – जो मनुष्य अक्षय तृतीया को सूर्योदय काल में प्रात: स्नान करते हैं और भगवान विष्णु
यमराज कहते हैं – ब्रह्मन् ! पूर्वकाल की बात है, महीरथ नाम से विख्यात एक राजा थे। उन्हें अपने पूर्वजन्म
अम्बरीष ने पूछा – मुने ! वैशाख माह के व्रत का क्या विधान है? इसमें किस तपस्या का अनुष्ठान करना
अम्बरीष ने कहा – मुने ! जिसके चिन्तन मात्र से पाप राशि का लय हो जाता है, उस पाप प्रशमन
भगवद्भक्ति के लक्षण तथा वैशाख स्नान की महिमा अम्बरीष बोले – मुनिश्रेष्ठ ! आपने बड़ी अच्छी बात बतायी, इसके लिए