श्रीसूक्तम

  यह श्री सूक्तं ऋग्वेद से लिया गया है. ऊँ हिरण्यवर्णा हरिणीं सुवर्णरजतस्त्रजाम । हिरण्मयीं लक्ष्मीं जात्वेदो म आ वह

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