शनैश्चर स्तवराज स्तोत्र
“भविष्य पुराण” में शनैश्चर स्तवराज स्तोत्र का उल्लेख किया गया है. जो भी व्यक्ति अथवा साधक इस स्तोत्र का नियमित
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“भविष्य पुराण” में शनैश्चर स्तवराज स्तोत्र का उल्लेख किया गया है. जो भी व्यक्ति अथवा साधक इस स्तोत्र का नियमित
शनि की ढैय्या तथा साढ़ेसाती से मिलने वाले कष्टों को दूर करने के बहुत से उपाय हैं जिनमें से कुछ
हर शनिवार को शनि महाराज की पूजा करने के बाद शनि आरती भी करनी चाहिए. इसलिए शनिदेव की कृपा उनके
वर्तमान समय में शनि देव के विषय में बहुत सी भ्रांतियाँ लोगों में फैली हुई है. हर कोई शनि देव
शनि के लिए वैदिक मंत्र “ऊँ शं नो देवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये । शं योरभि स्रवन्तु न:” शनि के लिए