पुरुषोत्तम सहस्त्रनाम स्तोत्रम्
इस स्तोत्र की विशेषता यह है कि इसमें वेदरूपी कल्पवृक्ष के परिपक्व फल “निगमकल्पतरोर्गलितं फलं” अर्थात श्रीमद्भागवतमहापुराण के प्रथम स्कन्ध
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इस स्तोत्र की विशेषता यह है कि इसमें वेदरूपी कल्पवृक्ष के परिपक्व फल “निगमकल्पतरोर्गलितं फलं” अर्थात श्रीमद्भागवतमहापुराण के प्रथम स्कन्ध
1) ऊँ नमो भगवते श्रीकृष्णाय नम: । 2) ऊँ नमो भगवते सच्चिदानन्दाय नम: । 3) ऊँ नमो भगवते नित्यलीलाविनोदकृते नम: