ग्रह, उनके मंत्र और जाप संख्या
हर ग्रह का अपना एक मंत्र हैं और मंत्रों का जाप कितनी संख्या में करना चाहिए यह भी हर ग्रह
Astrology, Mantra and Dharma
हर ग्रह का अपना एक मंत्र हैं और मंत्रों का जाप कितनी संख्या में करना चाहिए यह भी हर ग्रह
गुरु ग्रह ज्ञान, संतान तथा धन के नैसर्गिक कारक माने जाते हैं. जन्म कुंडली में इनकी स्थिति कमजोर होने से
पीताम्बर: पीतवपु: किरीटी, चतुर्भुजो देवगुरु: प्रशान्त: । दधाति दण्डं च कमण्डलुं च, तथाक्षसूत्रं वरदोsस्तु मह्यम ।।1।। नम: सुरेन्द्रवन्द्याय देवाचार्याय