महाभागवत – देवीपुराण – तैंतीसवाँ अध्याय 

इस अध्याय में कार्तिकेय जी द्वारा तारकासुर का वध, देवसेना में हर्षोल्लास का वर्णन किया गया है.  श्रीमहादेवजी बोले –

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