कार्तिक माह माहात्म्य – बारहवाँ अध्याय

सुख भोगे जो कथा, सुने सहित विश्वास। बारहवाँ अध्याय लिखे, ‘कमल’ यह दास।। नारद जी ने कहा – तब इन्द्रादिक

Continue reading

कार्तिक माह माहात्म्य – ग्यारहवाँ अध्याय

जिसको जप कर जीव, हो भवसागर से पार। ग्यारहवें अध्याय का, ‘कमल’ करे विस्तार।। एक बार सागर पुत्र जलन्धर अपनी

Continue reading

कार्तिक माह माहात्म्य – दसवाँ अध्याय

मायापति नारायण के, चरणों में सीस नवाय। दसवाँ अध्याय कार्तिक, लिखूं नारायण राय।। राजा पृथु बोले – हे ऋषिश्रेष्ठ नारद

Continue reading

कार्तिक माह माहात्म्य – आठवाँ अध्याय

जिसकी दया से सरस्वती, भाव रही उपजाय। कार्तिक माहात्म का ‘कमल’ लिखे आठवाँ अध्याय।। नारदजी बोले – अब मैं कार्तिक

Continue reading

error: Content is protected !!