तुलसीदास जी कृत हनुमद्बन्दीमोचन
दोहा वीर बखानौ पवनसुत, जानत सकल जहान। धन्य-धन्य अंजनितनय, संकट हर हनुमान।। चौपाई जय जय जय हनुमान अड़ंगी ।
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दोहा वीर बखानौ पवनसुत, जानत सकल जहान। धन्य-धन्य अंजनितनय, संकट हर हनुमान।। चौपाई जय जय जय हनुमान अड़ंगी ।
कहा जाता है कि श्री रामचन्द्र जी का राज्याभिषेक होने के बाद एक मंगलवार की सुबह की बात है कि
हनुमान जी के 108 नाम प्रतिदिन जो जपता है उसकी परेशानियाँ तो खतम होती ही है, साथ में प्रभु की
आरती कीजै हनुमान लला की | दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥ जाके बल से गिरवर काँपे | रोग दोष
सिन्दूरपूररुचिरो बलवीर्यसिन्धु – र्बुद्धिप्रवाहनिधिरद्भुतवैभवश्री: । दीनार्तिदावदहनो वरदो वरेण्य: संकष्टमोचनविभुस्तनुतां शुभं न: ।। सोत्साहलड़्घितमहार्णवपौरुषश्री – र्लड़्कापुरीप्रदहनप्रथितप्रभाव: । घोराहवप्रमथितारिचमूप्रवीर: प्राभंजनिर्जयति मर्कटसार्वभौम: ।।
हनुमान्श्रीप्रदो वायुपुत्रो रुद्रोsनघोsजर: । अमृत्युर्वीरवीरश्च ग्रामवासो जनाश्रय: ।।1।। धनदो निर्गुणोsकायो वीरो निधिपतिर्मुनि: । पिंड्गाक्षो वरदो वाग्मी सीताशोकविनाशन: ।।2।। शिव: सर्व: