श्रीसूक्तम
यह श्री सूक्तं ऋग्वेद से लिया गया है. ऊँ हिरण्यवर्णा हरिणीं सुवर्णरजतस्त्रजाम । हिरण्मयीं लक्ष्मीं जात्वेदो म आ वह
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यह श्री सूक्तं ऋग्वेद से लिया गया है. ऊँ हिरण्यवर्णा हरिणीं सुवर्णरजतस्त्रजाम । हिरण्मयीं लक्ष्मीं जात्वेदो म आ वह
ऊँ आद्य लक्ष्म्यै नम : ऊँ विद्यालक्ष्म्यै नम : ऊँ सौभाग्य लक्ष्म्यै नम : ऊँ अमृतलक्ष्म्यै नम : ऊँ काम
दोहा मातु लक्ष्मी करि कृपा, करो ह्रदय में बास । मनोकामना सिद्ध करि, पुरवहु मेरी आस ।। सोरठा यही मोर