श्री शनि चालीसा
दोहा जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल करण कृपाल। दीनन के दुख दूर करि, कीजै नाथ निहाल॥ जय जय श्री
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दोहा जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल करण कृपाल। दीनन के दुख दूर करि, कीजै नाथ निहाल॥ जय जय श्री
नमो नमो दुर्गे सुख करनी । नमो नमो अंबे दुख हरनी ।। निरंकार है ज्योति तुम्हारी । तिहूं लोक फैली
दोहा मातु लक्ष्मी करि कृपा, करो ह्रदय में बास । मनोकामना सिद्ध करि, पुरवहु मेरी आस ।। सोरठा यही मोर
जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान । कहत अयोध्यादास तुम, देउ अभय वरदान ।। जय गिरिजापति दीनदयाला । सदा
दोहा श्री गुरु चरन सरोज रज, निज मन मुकुरु सुधारी । बरनउं रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि ।।
यदि सुबह सुवेरे नियमित रुप से गणेश चालीसा का पाठ किया जाए तो घर में खुशहाली रहती है. घर-परिवार में