यमघण्टक योग – 2022
यमघण्टक योग को मंगल कार्यों के लिए वर्जित माना गया है. कोई भी मंगल कार्य इस योग में नहीं करना
Astrology, Mantra and Dharma
यमघण्टक योग को मंगल कार्यों के लिए वर्जित माना गया है. कोई भी मंगल कार्य इस योग में नहीं करना
मुहूर्त्त में ज्वालामुखी योग को अत्यधिक अशुभ माना गया है. यदि भूलवश भी इस योग में कोई कार्य आरंभ हो
माना जाता है कि द्विपुष्कर और त्रिपुष्कर में जो भी कार्य किए जाते हैं उनका फल दोगुना व तिगुना हो
माना जाता है कि द्विपुष्कर और त्रिपुष्कर में जो भी कार्य किए जाते हैं उनका फल दोगुना व तिगुना हो
प्रारंभ काल
अश्विनी, मघा, मूल, आश्लेषा, ज्येष्ठा और रेवती ये छ्: नक्षत्र गण्डमूल नक्षत्र कहलाते हैं. कोई भी बच्चा जब इन में