माना जाता है कि द्विपुष्कर और त्रिपुष्कर में जो भी कार्य किए जाते हैं उनका फल दोगुना व तिगुना हो जाता है. कुछ काम इन योगों में करने शुभ माने गए हैं जैसे – जमीन-जायदाद का खरीदना, सोना-चाँदी खरीदना, हीरे-जवाहरात लेना, वाहन लेना, गाय-भैंस की खरीद और नए उद्योग लगाना भी इन योगों में दुगुने तथा तिगुने फल प्रदान करता है.
इन दोनों योगों में यदि कोई अनिष्टकारी बात अथवा हानि हो जाए तब उसका भी फल दुगुना अथवा तिगुना हो जाता है. इन अनिष्ट की शांति के लिए द्विपुष्कर योग में दो गायों के समान धन तथा त्रिपुष्कर योग की शांति के लिए तीन गायों के मूल्य समान धन का दान किया जाता है और साथ ही तिलों से बनी पीठी का भी दान किया जाता है.
2021 में द्विपुष्कर योग
प्रारंभ काल (Starting Time) समाप्ति काल (Ending Time)
तिथि (Dates) | समय (Time) | तिथि (Dates) | समय (Time) |
24 जनवरी | 24:01 | 25 जनवरी | सूर्योदय |
20 मार्च | 16:46 | 21 मार्च | 07:11 |
30 मार्च | सूर्योदय | 30 मार्च | 12:22 |
23 मई | 12:12 | 24 मई | 03:39 |
1 जून | सूर्योदय | 1 जून | 16:08 |
25 जुलाई | 11:18 | 26 जुलाई | 04:04 |
18 सितंबर | सूर्योदय | 18 सिअंबर | 06:55 |
28 सितंबर | सूर्योदय | 28 सितंबर | 18:17 |
21 नवंबर | 07:36 | 21 नवंबर | 19:48 |
1 दिसंबर | 02:14 | 1 दिसंबर | सूर्योदय |
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