सूर्य क्षेत्र अथवा सूर्य पर्वत

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हथेली में अनामिका अंगुली (Ring Finger) की जड़ अथवा मूल स्थान के नीचे के क्षेत्र को सूर्य पर्वत अथवा सूर्य क्षेत्र कहा गया है, यह हृदय रेखा के ऊपर की ओर स्थित रहता है। इस सूर्य पर्वत से व्यक्ति की सफलता अथवा असफलताएँ देखी जाती हैं, यह पर्वत किसी भी व्यक्ति की सफलता का सूचक माना जाता है। यदि किसी व्यक्ति के हाथ में सूर्य पर्वत का अभाव है तो ऎसा व्यक्ति साधारण सा जीवन व्यतीत करता है अथवा कहा जा सकता है कि जिसके हाथ में सूर्य पर्वत का अभाव है वह व्यक्ति गुमनामों जैसी जिन्दगी बसर करता है। इसलिए सूर्य पर्वत का विकास व्यक्ति के लिए अत्यन्त आवश्यक माना जाता है क्योंकि इस पर्वत के विकास से कोई भी व्यक्ति प्रतिभावान तथा यशस्वी बनता है।

अगर किसी व्यक्ति के हाथ में यह पर्वत पूर्ण रूप से उन्नत है, विकसित है और पर्वत की आभा गुलाबीपन लिए है तो व्यक्ति अपने जीवन में अत्यधिक ऊँचे पद पर पहुँचता है। ऎसा व्यक्ति स्वभाव से हँस-मुख तथा मित्रों में घुल-मिल कर काम करने वाला होता है। ऎसे लोगों की बातें तथा इनके काम-काज के तरीके खबर बन जाते हैं। जनसाधारण के मध्य ऎसे व्यक्ति काफी लोकप्रिय भी होते हैं। ऎसे व्यक्ति सफल कलाकार, श्रेष्ठ संगीतज्ञ तथा यशस्वी चित्रकार होते हैं। ऎसे लोगों के अंदर की प्रतिभा जन्मजात पाई जाती है। ऎसे व्यक्ति एक-दूसरे के व्यवहार में ईमानदारी बरतते हैं। ये वैभवपूर्ण जीवन बिताने की इच्छा मन में रखते हैं। ऎसे व्यक्ति बिजनेस में विशेष रूप से अच्छा लाभ उठाने वाले होते हैं और इनकी आय के स्त्रोत एक से ज्यादा होते हैं।

ये व्यक्ति पूर्ण रुप से भौतिक होते हैं और सामने वाले व्यक्ति के मन की तह तक पहुँचने में काफी सक्षम होते हैं। यदि किसी अनपढ़ अथवा सामान्य घर के व्यक्ति की हथेली में भी सूर्य पर्वत विकसित है तब वह व्यक्ति श्रेष्ठ धनी तथा संपन्न होता है। आकस्मिक धन की प्राप्ति इन्हें जीवन में कई बार हो जाती है। ऎसे लोगों का रहन-सहन अत्यधिक राजसी तथा वैभवपूर्ण होता है।

ऎसे लोग साफ दिल के होते हैं और जरुरत पड़ने पर अपनी गलती को स्वीकारने से हिचकिचाते नहीं है। ये लोग सुलझे हुए मस्तिष्क के धनी होते हैं और अपना विरोध सहन नहीं कर पाने की स्थिति में सामने वाले को खरी-खरी उसके मुँह पर कह देने में विश्वास रखते हैं। ऎसे सूर्य क्षेत्र वाले व्यक्ति ही जीवन में महत्वपूर्ण पदों पर पहुँचते हैं और कुछ नया कर दिखाने की क्षमता रखते हैं।

यदि किसी व्यक्ति की हथेली में सूर्य पर्वत नहीं है तब ऎसा व्यक्ति मंद बुद्धि तथा मूर्ख होता है। यदि यह पर्वत कम विकसित होता है तो उस व्यक्ति में सौंदर्य के प्रति रूचि तो होती है परन्तु उसमें पूर्ण सफलता प्राप्त नहीं कर पाते। अत्यन्त श्रेष्ठ तथा सुविकसित सूर्य पर्वत आत्म-विश्वास, सज्जनता, दया, उदारता तथा धन-वैभव का सूचक होता है। ऎसे व्यक्ति सभा आदि में लोगों को प्रभावित करने की विशेष क्षमता रखते हैं।

अगर सूर्य पर्वत हथेली में आवश्यकता से अधिक विकसित है तब ऎसा व्यक्ति अत्यधिक घमण्डी होता है तथा झूठी प्रशंसा करने वाला होता है। ऎसे लोगों के मित्र भी सामान्य स्तर के होते हैं। ये फिजूलखर्च करने वाले तथा जरा-जरा बात पर झगड़ने वाले होते हैं। ऎसे व्यक्ति अपने जीवन में पूरी तरह से सफल नहीं हो पाते हैं।

अगर किसी व्यक्ति की हथेली में सूर्य पर्वत, शनि पर्वत की ओर झुका हुआ है तो ऎसे व्यक्ति एकान्त-प्रिय होते हैं तथा निराशावादी भावनाओं से ग्रस्त रहते हैं। ऎसे लोगों के जीवन में धन की कमी सदा बनी रहती है। किसी भी काम को ये पूरे जोश-खरोश से आरंभ तो कर देते हैं लेकिन उतने ही जोश के साथ काम को पूरा नहीं कर पाते हैं और काम को बीच में ही छोड़कर अन्य नए काम में लग जाते हैं। माना गया है कि शनि पर्वत की ओर झुका होने से व्यक्ति भाग्यहीन सा हो जाता है।

अगर यही सूर्य पर्वत, बुध पर्वत की ओर झुका हो तब व्यक्ति एक सफल व्यापारी तथा श्रेष्ठ धनवान होता है। ऎसे व्यक्ति समाज में सम्मानीय स्थान प्राप्त करने में सफल रहते हैं। यदि सूर्य की अंगुली बेडौल होती है तो वह सूर्य के गुणों में न्यूनता ला देती है। ऎसे व्यक्ति में बदले की भावना बढ़ी रहती है और लोगों से व्यवहार करते समय वह सावधानी नहीं बरतता। यदि सूर्य पर्वत पर आवश्यकता से अधिक रेखाएँ हैं तो ऎसा व्यक्ति बीमार रहता है। यदि सूर्य अंगुली का सिरा कोणदार हो तथा पर्वत उभरा हुआ हो तो वह व्यक्ति कला के क्षेत्र में विशेशष रुचि लेता है। अगर अंगुली का सिरा वर्गाकार है तो ऎसे व्यक्ति में व्यवहारिक कुशलता होती है और जिनके सिरे नुकीले होते हैं तो ऎसे व्यक्ति आदर्शवादिता के सूचक होते हैं।