स्कन्द पुराणोक्त शनि स्तोत्र

शनि कई बार गोचरवश अथवा अपनी दशा/अन्तर्दशा में कष्ट प्रदान करते हैं, ऎसे में जातक को घबराने की बजाय शनि

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तुलसीदासकृत हनुमानाष्टक

तत: स तुलसीदास: सस्मार रघुनन्दनं । हनुमन्तं तत्पुरस्तात् तुष्टाव भक्त रक्षणं ।।1।।   धनुर्वाणो धरोवीर: सीता लक्ष्मण संयुत: । रामचन्द्र

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