सप्ताह में सात वार होते हैं और सभी का अपना महत्व होता है. आप जब भी कोई नया कार्य आरंभ करें तब एक बार इन वारों में किए जाने वाले कार्यों पर एक निगाह अवश्य डालें ताकि जिस वार में जो काम शुभ होता है, आप उसे उसी वार विशेष से आरंभ कर सकें जिससे कार्य में सफलता प्राप्त हो. आइए जाने कि कौन सा कार्य किस वार से आरंभ करना चाहिए.
रविवार से आरंभ होने वाले कार्य – Tasks, Begins From Sunday
यदि किसी का राज्याभिषेक करना हो या कोई पद ग्रहण करना हो अथवा शपथग्रहण ही क्यूँ ना करनी हो तब वह रविवार के दिन करनी चाहिए. सभी तरह से मंगल कार्य, सेवाकर्म अथवा यात्रा भी इस दिन आरंभ कर सकते हैं. अस्त्र-शस्त्र चलाना आरंभ करना भी इस दिन से ही किया जाना चाहिए. औषधिकर्म भी इसी दिन शुभ माना गया है. युद्ध संबंधी कार्य भी इसी दिन आरंभ करना शुभ माना गया है. अन्न-धान्यादि कार्य भी इसी दिन आरंभ करने चाहिए.
सोमवार से आरंभ होने वाले कार्य – Tasks, Begins From Monday
जल संबंधी कार्यों को सोमवार से आरंभ करना चाहिए जैसे – बर्फ जमाने का व्यवसाय आरंभ करना, फ्रिज खरीदकर उसे चालू करना, सिंचाई का काम, नल लगवाना अथवा कुंए बनवाना आदि कार्य इस दिन से आरंभ करने चाहिए. शंख तथा मोती आदि का काम भी इस दिन आरंभ करना शुभ होगा. पेड़ो से संबंधित काम भी सोमवार से ही आरंभ करने चाहिए. गुड़ अथवा शक्कर आदि से जुड़े काम का आरंभ भी इस दिन से करना शुभ होगा. वस्त्र तथा आभूषणों का काम, फूलों का काम, गीत-संगीत आदि का काम भी इस दिन शुरु करना चाहिए. यज्ञ आदि का आरंभ भी इस दिन से किया जाना चाहिए. दूध से संबंधित कामों को भी इस दिन से आरंभ करना चाहिए. किसानों को कृषि संबंधी कोई भी नया काम सोमवार से आरंभ करना चाहिए.
मंगलवार से आरंभ होने वाले कार्य – Tasks, Begins From Tuesday
विष का उपयोग यदि करना है तो मंगलवार से करना चाहिए. यहां विष का प्रयोग नकारात्मक ना लेकर सकारात्मक लेना चाहिए जैसे कि विष से कई प्रकार की औषधियाँ अथवा अन्य शुभ काम किए जाते हैं. अग्नि से जुड़े कामों को भी इस दिन से आरंभ करना चाहिए. किसी से झगड़ा करना हो या संधि करनी हो तब उसके लिए यही दिन उपयुक्त माना गया है. युद्ध तथा अस्त्र-शस्त्र से संबंधित कामों का आरंभ भी इसी दिन से करना अच्छा होगा.
बुधवार से आरंभ होने वाले कार्य – Tasks, Begins From Wednesday
नृत्य से जुड़े काम अथवा नृत्य सीखना भी इसी दिन से आरंभ करना चाहिए. शिल्पकर्म, गायन, कला संबंधी काम इस दिन आरंभ करना शुभ होता है. लेखन से जुड़े काम तथा चित्रकला आदि से संबंधित काम बुधवार से आरंभ करना शुभ होता है. धरती से संबंधित काम भी इसी दिन से करना शुभ होता है. धरती से मिले रसों का संग्रह करना भी इस दिन आरंभ करना चाहिए. विवाह आदि के लिए भी यह दिन शुभ माना गया है यदि इस दिन वर-वधू की कुंडली अनुसार कोई शुभ मुहूर्त भी निकल रहा हो. धातुकर्म, युद्ध आदि भी इस दिन शुभ माने गए हैं.
बृहस्पतिवार से आरंभ होने वाले कार्य – Tasks, Begins From Thursday
बृहस्पतिवार को धार्मिक कार्यों के लिए शुभ माना गया है इसलिए इस दिन से यज्ञकार्य आरंभ करने चाहिए. पौष्टिकता से भरे कर्म भी इसी दिन से करना शुभ होता है. मांगलिक कार्य, सोने के आभूषण तथा वस्त्र-भूषा आदि के कार्य भी इसी दिन से शुभ होते हैं करने. गुल्मलता वनस्पति तथा वृक्षकार्य भी इसी दिन से आरंभ करना शुभ होता है.
शुक्रवार से आरंभ होने वाले कार्य – Tasks, Begins From Friday
शुक्र को कला का कारक माना गया है इसलिए कला संबंधी सभी कार्य जैसे – नृत्य, गायन, वादन, चित्रकारी, मेहंदी रचाना आदि कार्यों का आरंभ इस दिन से करना शुभ होता है. स्वर्ण तथा रजतादि का संग्रह भी इस दिन से किया जाना शुभ है. स्त्रियों से संबंधित फैंसी काम जैसे फैंसी कपड़े तथा फैंसी मेहंदी लगाना आदि काम भी इसी दिन शुरु किया जाना चाहिए. रत्नों को धारण भी इसी दिन से करना चाहिए. आभूषणों का निर्माण करना तथा उन्हें धारण करना इसी दिन से शुरु करना चाहिए. दुकानदारी चलाने का काम भी इस दिन से किया जाना चाहिए. किसी भी तरह का उत्सव हो, उसका आरंभ भी इसी दिन से किया जाना चाहिए.
शनिवार से आरंभ होने वाले कार्य – Tasks, Begins From Saturday
इस दिन से रांगा, सीसा तथा लोहे आदि से संबंधित कार्यों का आरंभ किया जाना चाहिए. पत्थर, अस्त्र-शस्त्र आदि से जुड़े कार्य भी इसी दिन आरंभ करने चाहिए. विषकर्म, स्थिर कार्य तथा वास्तु संबंधी कार्य भी शनिवार को करना शुभ रहता है.
वारों का प्रभाव – Effects of Weekdays
सभी सात वारों का प्रभाव भी भिन्न माना गया है जो निम्नलिखित है :-
- रविवार को स्थिरता प्रदान करने वाला कहा गया है.
- सोमवार को चंद्रवार भी कहा जाता है और चंद्रमा चर स्वभाव का होता है.
- मंगलवार को क्रूर कहा गया है.
- बुधवार को सर्वगुणसंपन्न कहा गया है. बुध को शुद्ध भी कहते हैं इसलिए कोई भी काम इस दिन आरंभ कर सकते हैं.
- बृहस्पतिवार को लघु प्रभाव देने वाला कहा गया है.
- शुक्रवार को मृदु प्रभाव देने वाला माना गया है.
- शनिवार को तीक्ष्ण प्रभाव देने वाला कहा गया है.
विशेष – Special Conclusion
वैसे तो सोमवार, बुधवार, बृहस्पतिवार तथा शुक्रवार सभी को शुभ माना गया है और सभी तरह के शुभ कर्मों के लिए ये चारों दिन शुभ होते हैं. लेकिन क्रूर कार्यों के लिए मंगलवार तथा शनिवार को अच्छा माना गया है इसलिए किसी भी क्रूर कार्य का आरंभ इन दोनों वारों में से किसी एक में करना चाहिए. यहाँ रविवार का जिक्र नहीं किया गया है क्योंकि रविवार को शुभ तथा क्रूर दोनों ही कार्यों के लिए मध्यम माना गया है.
ग्रहों के रंग अनुसार कार्य – Tasks According to Color of The Planets
सूर्य को रक्त वर्ण का माना गया है, चंद्रमा को गौरवर्ण का माना गया है, मंगल को लोहित वर्ण का माना गया है, बुध को दूब जैसे हरे रंग का माना गया है, गुरु का पीत वर्ण, शुक्र का श्वेत रंग तथा शनि को कृष्ण रंग का माना गया है इसलिए रंग संबंधी कार्य करना हो या रंगीन वस्तुओं का उपयोग करना हो, ये उनके वारों के अनुसार ही करना चाहिए.