तत्वों के आधार पर सभी बारह राशियों को चार भागों में बाँटा गया है. यह चार तत्व अग्नि,पृथ्वी, वायु तथा जल है. जो राशि जिस तत्व में आती है उसका स्वभाव भी उस तत्व के गुण धर्म के अनुसार हो जाता है. उदाहरण के लिए किसी जातक की राशि जलतत्व है तब उसके स्वभाव में जल के गुण पाएं जाएंगे जैसे कि वह स्वभाव से लचीला हो सकता है और परिस्थिति अनुसार अपने को ढालने में सक्षम भी हो सकता है. जल की तरह नरम होगा तथा भावनाएँ भी कूट-कूटकर भरी होगी इसलिए शीघ्र भावनाओं में बहने वाला होगा.
इसी तरह से अन्य राशियों के गुण भी उनके तत्वानुसार होगें. आइए जानने का प्रयास करते हैं और एक तालिका के माध्यम से इसे समझते हैं.
तत्व/Elements | राशि व गुणधर्म/Signs and Their Traits |
अग्नि तत्व | मेष, सिंह व धनु राशियां इस वर्ग में आती हैं. अग्नि तत्व वाले जातक दृढ़ इच्छा शक्ति वाले, कर्मशील और गतिशील रहते हैं. अग्नि के समान ज्वाला भी इनमें देखी जा सकती है और हर कार्य में अत्यधिक जल्दबाज भी होते हैं. |
पृथ्वी तत्व | वृष, कन्या व मकर राशियां इस वर्ग में आती हैं.व्यक्ति पृथ्वी के समान ही सहनशील होता है,मेहनती होता है, जमीन से जुड़ा होता है,धैर्य भी बहुत रहता है, संतोषी होता है तथा व्यवहारिक भी होता है. सांसारिक सुख चाहता है लेकिन समस्याओं के प्रति उदासीन रहता है. |
वायु तत्व | मिथुन, तुला तथा कुंभ राशियाँ इस वर्ग में आती हैं. जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है इस राशि का व्यक्ति वायु की तरह हवा में बहुत बहता है अर्थात अत्यधिक विचारशील होता है, सोचना अधिक लेकिन करना कम. कल्पनाशील बहुत होता है लेकिन इन्हें बुद्धिमान भी कहा जाएगा. अनुशानप्रिय होने के साथ विचारों को हवा बहुत देते है. मन के घोड़े दओड़ते ही रहते हैं. |
जलतत्व | कर्क, वृश्चिक तथा मीन राशियाँ इस वर्ग में आती हैं. यह अत्यधिक भावुक तथा संवेदनाओं से भरे हुए रहते हैं. शीघ्र ही बातों में आने वाले होते हैं और खुद भी बातूनी होते हैं. स्वभाव से लचीले होते हैं और जिसने जो कहा वही ठीक है, अपने विचार इसी कारण ठोस आधार नहीं रखते हैं. मित्र प्रेमी होते हैं और स्वाभिमान भी इनमें देखा जा सकता है. |
स्वभाव के अनुसार राशियों का वर्गीकरण/Classification of Signs According Their Nature
राशियों के स्वभावानुसार इन्हें तीन श्रेणियों में बाँटा गया है. चर, स्थिर तथा द्विस्वभाव राशि. हर श्रेणी में चार-चार राशियाँ आती है और इन श्रेणियों के अनुसार ही इनका स्वभाव भी होता है. आइए एक तालिका के माध्यम से ही इसे भी समझने का प्रयास करते हैं.
स्वभाव | राशि तथा गुणधर्म |
चर राशि | मेष, कर्क, तुला व मकर राशियाँ इस श्रेणी में आती है. जैसा नाम है वैसा ही इन राशियों का काम भी है. चर मतलब चलायमान तो इस राशि के जातक कभी टिककर नहीं बैठ सकते हैं. हर समय कुछ ना कुछ करते रहना इनकी फितरत में देखा गया है. व्यक्ति में आलस नहीं होता है, क्रियाशील रहता है.गतिशील व क्रियाशील इनका मुख्य गुण होता है. ये परिवर्तन पसंद करते हैं और एक स्थान पर टिककर नहीं रह पाते हैं. ये तपाक से निर्णय लेने की क्षमता रखते हैं. |
स्थिर राशि | वृष, सिंह, वृश्चिक व कुंभ राशियाँ इस श्रेणी में आती हैं. इनमें आलस का भाव देखा गया है इसलिए अपने स्थान से ये आसानी से हटते नहीं हैं. इन्हें बार-बार परिवर्तन पसंद नहीं होता है. धैर्यवान होते हैं और यथास्थिति में ही रहना चाहते हैं. इनमें जिद्दीपन भी देखा गया है. कोई भी काम जल्दबाजी में नहीं करते और बहुत ही विचारने के बाद महत्वपूर्ण निर्णय लेते हैं. |
द्विस्वभाव राशि | मिथुन, कन्या, धनु व मीन राशियाँ इस श्रेणी में आती है. इन राशियों में चर तथा स्थिर दोनों ही राशियों के गुण देखे जा सकते हैं. इनमें अस्थिरता रहती है और शीघ्र निर्णय लेने का अभाव रहता है. इनमें अकसर नकारात्मकता अधिक देखी जाती है. |