अंकों का सामंजस्य

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आज इस लेख में हम अंको के मध्य सामंजस्य कैसे बिठाया जा सकता है, उसकी चर्चा करेगें. वैसे इस प्रक्रिया को सिंक्रनाईजेशन कहा गया है. अंक किस तरह से एक – दूसरे के साथ तालमेल बिठा सकते हैं और किस तरह से नहीं, इन सभी बातो के बारे मैं इस लेख में बताया जाएगा. सभी नौ अंको (1,2,3,4,5,6,7,8,9) को तीन मुख्य समूहो में बांटा गया है. पहले समूह में 1,2,4,7 अंक आते हैं. दूसरे समूह में 3,6,9 अंक आते है और तीसरे समूह में 5 व 8 अंक आते हैं.

पहले समूह के अंको से संबंधित लोगों की दूसरे समूह के लोगो से कम निभती है, तालमेल नहीं रहता है. तीसरे समूह के लोगो की पहले और दूसरे दोनो ही समूहों के लोगो से निभ जाती है. इन्हीं समूहों के आधार पर अंको का सिंक्रनाईजेशन भी किया जाता है. वर्तमान समय में अंकशास्त्र का बहुत ज्यादा बोलबाला हो रहा है. बहुत से लोग हैं जो अपने नाम की स्पैलिंग में बदलाव कर रहे हैं. आपने कभी सोचा है कि ऎसा क्यूँ किया जाता है?

जब आप परेशान होकर किसी अंकशास्त्री से मिलते हैं तब वह आपके नाम और जन्म तारीख का तालमेल देखता है अर्थात हर अल्फाबेट को एक अंक मिला हुआ है और आपके नाम के सभी अंकों का जोड़ किया जाता है तब उस जोड़ को आपकी जन्म तारीख के जोड़ से मिलाया जाता है यदि इन दोनो का अंतर 3 आता है तब यह बहुत ही खराब स्थिति मानी जाती है या फिर दोनो का अंतर 5 या उससे अधिक आता है तब यह भी बहुत अच्छी स्थिति नहीं मानी जाती है. इसके अतिरिक्त यदि आपका डेस्टीनी नंबर और टेलेंट नंबर आपस में मित्र नहीं हैं तब भी जीवन में असफलताओ का मुँह देखना पड़ जाता है.

व्यक्ति के नाम की स्पेलिंग के हिज्जो को जोड़ने पर जो अंतिम अंक प्राप्त होता है वह डेस्टिनी नंबर (Destiny Number) कहलाता है. व्यक्ति के जन्म तारीख का कुल जोड़ जो भी आता है वह टेलेन्ट नंबर (Talent Number) कहलाता है. व्यक्ति अपनी जन्म तारीख को तो बदल नहीं सकता है लेकिन अपने नाम के कुछ हिज्जे घटा या बढ़ा सकता है जिससे कि जन्म तारीख और नाम में तालमेल बन जाए और जिन्दगी में वह सफलताएँ प्राप्त कर सकें. अब आप समझ ही गए होगे कि आजकल नाम में लोग परिवर्तन क्यूँ कर रहे हैं.  

इस तरह से आप अपने नाम के साथ अपने साथी का नाम मिलाकर देख सकते हैं कि वह किस समूह में आता है और आपके साथ उसका सिंक्रनाईजेशन होता है या नहीं. इसी तरह से आप अपने बिजनेस पार्टनर का तालमेल भी देख सकते हैं कि वह किस समूह में है और आपसे उसका मिलान कैसा है? आप जिस कम्पनी में काम करते हैं उस कम्पनी के नाम से अपने नाम का मिलान करके देख सकते हैं कि वह आपका उसके साथ तालमेल कैसा रहेगा?

आप जिस घर में रहते है उसके पते (address) को अपने नाम से मिलाकर देख सकते हैं कि वह घर आपके लिए कैसा रहेगा. आपको उस घर में सुख ज्यादा मिलेगें या दुख या फिर आप सामान्य से रहेगें. इसके लिए आपको अपने नाम का अंक और आपके घर के पूरे पते का अंक मिलाना होगा कि किस समूह में आते है और आपसे में उन अंकों का अंतर कितना आता है?

आप अपना मोबाईल नंबर और गाड़ी के नंबर को भी इसी तरह से मिलाकर देख सकते है कि वह आपके नाम के अंक से कैसे मिल सकती है. यदि मित्र समूह के अंको से मिलती है तब आपके लिए यह चीजें शुभ रहेगी और शत्रु समूह में आती है तब परेशानी हो सकती है. आप सभी महत्वपूर्ण बातों में अपने नाम के साथ दूसरे का सिंक्रनाईजेशन करके देख सकते हैं जिससे आपके जीवन में काफी चीजों में सुधार हो सकता है.  

अंक शास्त्र में दो प्रमुख अंको का विश्लेषण किया जाता है – डेस्टिनी नंबर (Destiny Number) और टेलेन्ट नंबर (Talent Number). इन दोनो अंको का आपस में तालमेल होना जरुरी है तभी व्यक्ति जीवन में सफल होता है. डेस्टिनी नंबर (Destiny Number) सकारात्मक फल देगा अथवा नकारात्मक फलों में वृद्धि करेगा यह टेलेन्ट नंबर (Talent Number) के साथ सिंक्रनाइजेशन पर निर्भर करता है.

यदि डेस्टिनी नंबर और टेलेन्ट नंबर दोनो एक ही नंबर हैं तब यह बहुत ही शुभ स्थिति मानी जाती है. माना किसी के नाम के स्पैलिंग का कुल जोड़ का अंतिम अंक 6 आता है और उसके जन्म तारीख का कुल जोड़ भी 6 ही आत है तब उस व्यक्ति के दोनो अंको का सिंक्रनाइजेशन बहुत अच्छा कहा जाएगा. यदि आपका डेस्टिनी नंबर और टेलेंट नंबर एक ही होता है आपके पास सभी चीजे सरलता से आ जाती हैं और सभी कामो में सफलता मिलती है. आपके द्वारा किए थोड़े से ही प्रयास से ही बड़े काम बन जाते हैं और जीवन में सकारात्मकता बनी रहती है.

यदि आपके डेस्टिनी नंबर और टेलेंट नंबर में यदि 4 अंक का अंतर है तब इसे भी शुभ माना गया है. यदि आपके डेस्टिनी नंबर और टेलेंट नंबर का अंतर एक अंक का होता है तब जीवन में सामंजस्य कुछ कम रहता है और कुछ प्रयासो के बाद ही कुछ मिलता है.

यदि आपके डेस्टिनी नंबर और टेलेंट नंबर का अंतर 2 अंको का है तब चीजों को पाने के लिए कुछ ज्यादा प्रयास किए जाते हैं. दो अंको के अंतर से कई बार कामों में विफलता मिल जाती है अथवा भाग्य बहुत ही कठोर हो जाता है. दो अंको के अंतर से काम देर से बनते हैं और बहुत ही परेशानियों व रुकावटो का सामना करना पड़ता है.

डेस्टिनी नंबर और टेलेंट नंबर का अंतर 3 अंको का होने पर आपको सबसे ज्यादा दिक्कतो व बाधाओं का सामना करना पड़ता है. 3 अंकों के अंतर से आपका दुर्भाग्य बली हो सकता है, यह सबसे अधिक मुश्किल परिस्थिति सिद्ध हो सकती है. जीवन में सफल होने के लिए बार-बार और ना जाने कितनी बार प्रयास करने पड़ते हैं केवल एक ही काम को करने के लिए तब जाकर थोड़ी सी सफलता मिलती है. दोनो अंको, डेस्टिनी और टेलेंट के मध्य सामंजस्य नही होता और वे एक्-दूसरे की ऊर्जा को खींच कर अलग करने का प्रयास करते हैं. जिन व्यक्तियो के अंको का अंतर 3 आता है उन्हें धैर्य रखना चाहिए और मुसीबतो के साथ रहने की आदत भी डाल लेनी चाहिए.

जब डेस्टिनी नंबर और टेलेंट नंबर का अंतर 5, 6 या इससे ज्यादा आता है तब यह सामान्य तालमेल कहा जाता है. इस अंतर वाले व्यक्तियो का जीवन सामान्य सा रहता है और यह जीवन के रंगो को देखकर फिर कही जाकर किसी निष्कर्ष पर पहुंचते हैं.

यदि हमारे पाठकों को लगता है आपके नाम का अंक किसी से सामजंस्य नही बना पा रहा है तब आप उसमें परिवर्तन कर सकते हैं लेकिन परिवर्तन करने से पहले भली भाँति जाँच अवश्य कर लें.

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