श्री शिवाष्टक स्तोत्रम

प्रभुमीशमनीशमशेष गुणं गुणहीनमहीश गरलाभरणम । रण निर्जित दुर्जय दैत्यपुरं, प्रणमामि शिवं शिवकल्पतरुम ।।1।। गिरिराजसुतान्वित-वामतनुं तनुनिन्दितराजित कोटिविधुम । विधिविष्णुशिरोधृत-पादयुगं, प्रणमामि शिवं

Continue reading

error: Content is protected !!