श्री सरस्वती चालीसा

दोहा -Doha जनक जननि पदम दुरज, निजब मस्तक पर धारि। बन्दौं मातु सरस्वती, बुद्धि बल दे दातारि।। पूर्ण जगत में

Continue reading

error: Content is protected !!