कार्तिक माह माहात्म्य – छठा अध्याय
जिसके सुनने से सब पाप नाश हो जाये। कार्तिक माहात्म्य का, लिखूं छठा अध्याय।। नारद जी बोले – जब दो
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जिसके सुनने से सब पाप नाश हो जाये। कार्तिक माहात्म्य का, लिखूं छठा अध्याय।। नारद जी बोले – जब दो
श्रीकृष्ण भगवान के चरणों में शीश झुकाओ। श्रद्धा भाव से पूजो हरि, मनवांछित फल पाओ।। सत्यभामा ने कहा – हे
सिमर चरण गुरुदेव के, लिखूं शब्द अनूप। कृपा करें भगवान, सतचितआनन्द स्वरूप।। भगवान श्रीकृष्ण आगे बोले – हे प्रिये! जब
किसी गाँव में एक बुढ़िया रहती थी और उसका एक बेटा व बहू भी साथ रहते थे. कार्तिक का महीना
किसी गाँव में एक बुढ़िया रहती थी, उसकी एक पुत्रवधु भी थी. कार्तिक का महीना आता तो बुढ़िया बारह कोस