बिल्वाष्टकम्

बिल्वाष्टकम् में बेल पत्र (बिल्व पत्र) के गुणों के साथ-साथ भगवान शंकर का उसके प्रति प्रेम भी बताया गया है.

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श्री शिवाष्टक स्तोत्रम

प्रभुमीशमनीशमशेष गुणं गुणहीनमहीश गरलाभरणम । रण निर्जित दुर्जय दैत्यपुरं, प्रणमामि शिवं शिवकल्पतरुम ।।1।। गिरिराजसुतान्वित-वामतनुं तनुनिन्दितराजित कोटिविधुम । विधिविष्णुशिरोधृत-पादयुगं, प्रणमामि शिवं

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शिवपंचाक्षर स्तोत्रम

नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय, भस्मांगरागाय महेश्वराय । नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय, तस्मै ‘न’काराय नम: शिवाय ।।1।। मन्दाकिनी-सलिल-चन्दन-चर्चिताय, नन्दीश्वर-प्रमथनाथ-महेश्वराय । मन्दारपुष्प – बहुपुष्प –

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