गजेन्द्र मोक्ष

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गजेन्द्र मोक्ष का महत्व

गजेन्द्र मोक्ष की पौराणिक कथा महर्षि वेद व्यास द्वारा रचित भगवत पुराण के तीसरे अध्याय में मिलती है, इसे सुखसागर के नाम से भी जाना जाता है. इसे पढ़ने से पित्तर दोष से मुक्ति मिलती है. जिन लोगो पर कर्ज चढ़ा है या वह किसी ऎसी समस्या से घिरे हैं जिस से बचकर निकलना मुश्किल है तब ऎसी स्थिति में गजेन्द्र मोक्ष का पाठ करने से समस्या का निवारण शीघ्र होता है.

इस पाठ का आरंभ शुक्ल पक्ष के किसी भी शुभवार से आरंभ करना चाहिए और पूर्व या उत्तर की ओर मुख कर के बैठना चाहिए. यह पाठ यदि सूर्योदय से पूर्व अर्थात सूर्य निकलने के पहले किया जाए तो उत्तम होता है.

गजेन्द्र मोक्ष पाठ

ऊँ नमोमूलप्रकृतये अजिताय महात्मने ।

अनाश्रितायदेवाय नि:स्पृहाय नमोस्तुते ।।

नम: आद्या वामाय आर्षायादिप्रवर्तिने ।

अनन्तराय चैकाय अव्यक्ताय नमो नम : ।।

नमो गुह्याय गूढ़ाय गुणाय गुणवर्तिने ।

अतर्क्यायाsप्रमेयाय अतुलाय नमो नम: ।।

नम: शिवाय शान्ताय निश्चिन्ताय यशस्विने ।

सनातनाय पूर्वाय पुराणाय नमो नम: ।।

नमोsस्तु तस्मै देवाय निर्गुणाय गुणात्मने ।

नमो जगत्प्रतिष्ठाय गोविन्दाय नमो नम: ।।

नमोsस्तु पद्मनाभाय सांख्ययोगोद्भवायच ।

विश्वेश्वराय देवाय शिवाय हरये नम: ।।

नमोsस्तु तस्मै देवाय निर्गुणाय गुणात्मने ।

नारायणाय विश्वाय देवाय परमात्मने ।।

नमो नम: कारणवामनाय नारायणायामितविक्रमाय ।

श्रीश्रांगचक्रासिगदाधराय नमोsस्तु तस्मै पुरुषोत्तमाय ।।

गुह्याय वेदनिलयाय महोरगाय सिंहाय दैत्यनिधनाय चतुर्भुजाय ।

ब्रह्मेन्द्ररुन्द्रमुनिचारणसंस्तुताय देवोत्तमाय सकलाय नमोsच्युताय ।

नागेन्द्रभोगशयनाय च सुप्रियाय गोक्षीरहेमशुकनीलघनोपमाय ।

पीताम्बराय मधुकैटभनाशनाय विश्वाय चारुमुकुटायनमोरक्षराय ।।

नाभिप्रजातकमलस्थचतुर्मुखाय क्षीरोदकार्णवनिकेतयशोधराय ।

नानविचित्रकनकाड़्ग्दभूषणाय सर्वेश्वराय वरदाय नमो वराय ।।

भक्तिप्रियाय वरदीप्तसुदर्शनाय देवेन्द्रविघ्नशमनोद्यतपौरुशाय ।

फुल्लारविन्दविमलायतलोचनाय योगेश्वराय वरदाय नमो वराय ।।

ब्रह्मायनाय त्रिदशायनाय लोकायनायात्महितायनाय ।

नारायणायात्मविकाशनाय महावराहाय नमस्करोमि ।।

कूटस्थमव्यक्तमचिन्त्यरुपं नारायणं कारणमादिदेवम ।

युगान्तशेषं पुरुषं पुरातनं तं देवदेवं शरणं प्रपद्ये ।।

योगेश्वरं चारुविचित्रमौलि-मज्ञेयमग्रयं प्रकृते: परस्थम ।

क्षेत्रज्ञमात्मप्रभवं वरेण्यं तं वासुदेवं शरणं प्रपद्ये ।।

अदृश्यमव्यक्तमचिन्त्यमव्ययं ब्रह्मर्षयो ब्रह्ममयं सनातनम ।

वदन्ति यं वै पुरुषं सनातमं तं देवगुह्य शरणं प्रपद्ये ।।

यदक्षरं ब्रह्म वदन्ति सर्वगं निशम्य यं मृत्युमुखात्प्रमुच्यते ।

तमीश्वरं तृप्तमनुत्तमैर्गुणै: परायणं विष्णुमुपैमि शाश्वतम ।।

कार्य क्रियाकारणमप्रमेयं हिरण्यनाभं वरपद्मनाभम ।

महाबलं देवनिधिं सुरेशं व्रजामि विष्णुं शरणं जनार्दनम ।।

किरीटकेयूरमहार्हनिष्कैर्मण्युत्तमालंकृतसर्वागात्राम ।

पीताम्बरं कांचनभक्तिचित्रं मालाधरं केशवमभ्युपैमि ।।

नारोद्भवं वेदविदां वरिष्ठं योगात्मनां सांख्यविदां वरिष्ठम ।

आदित्यरुद्राश्र्विसुप्रभावं प्रभुं प्रपद्येsच्युतमादिभूतम ।।

श्रीवत्साड़्कं महादेवं देवगुह्यं मनोरमम ।

प्रपद्ये सूक्ष्ममतुलं वरेण्यमभयप्रदम ।।

प्रभवं सर्वभूतानां निर्गुणं परमेश्वरम ।

प्रपद्ये मुक्तसंगानां यतीनां परमां गतिम ।।

भगवन्तं गुणाध्यक्षमक्षरं पुष्करेक्षणम ।

शरण्यं शरणं भक्त्या प्रपद्ये भक्तवत्सलम ।।

त्रिविक्रमं त्रिलोकेशं सर्वेषां प्रपितामहम ।

योगात्मानं महात्मानं प्रपद्येsहं जनार्दनम ।।

आदिदेवमजं शम्भुं व्यक्ताव्यक्तं सनातनम ।

नारायणमणीयांसं प्रपद्ये ब्राह्मणाप्रियम ।।

नमो हराय देवाय नम: सर्वमहाय च ।

प्रपद्ये देवदेवेशमणीयांसं तनो: सदा ।।

एकाय लोकतत्वाय परत: परमात्मने ।

नम: सहस्त्रशिरसे अनन्ताय महात्मने ।।

त्वामेव शरणं दैवमृषयो वेदपारगा: ।

कीर्तयन्ति च यं सर्वे ब्रह्मादीनां परायणम ।।

नमस्ते पुण्डरीकाक्ष भक्तनामभयप्रद ।

अब्रह्मण्य नमस्तेsस्तु त्राहि मां शरणागतं

 

12 comments

  1. नवीन जी,

    आपकी जन्म कुंडली में विवाह देरी से होने के योग बने हैं इसलिए विवाह नहीं हो रहा था लेकिन अभी जुलाई से आपके विवाह की दशा चल पड़ी है और 12 अगस्त से विवाह का गोचर भी आरंभ हो गया है. अब आने वाले समय में आपका विवाह हो सकता है. फरवरी 2017 से आपके विवाह के योग और भी प्रबल हो जाएंगे. आप रोज बुध के मंत्र का जाप सुबह अथवा शाम को अवश्य करें.

  2. Good morning mam, mere pass abhi bahoot loan ho gaya hai .. and not able to repay .. bahoot loss ho gaya in stock market.. job bhi unstable hai.. please help.. gaurav jain 17 Dec 1980 time 03.30 am, udaipur rajasthan

  3. आपकी जन्म कुंडली तुला लग्न की है और आपकी राशि मीन है. अभी सूर्य में शनि की दशा चल रही है लेकिन शनि ग्रह बारहवें भाव में छठे भाव के स्वामी गुरु के साथ स्थित है. इस समय की दशा/अन्तर्दशा अच्छी नहीं है. पीड़ित चंद्रमा छठे भाव में स्थित है. आपको शेयर मार्केट में मुनाफे से अधिक नुकसान ही होगा. आपको नौकरी करनी चाहिए और आप साथ में कुछ काम भी करना चाहते हैं तो कोई ऎसा काम करें जिसमें आपको कमीशन मिले या कोई ऎसा काम जिसमें आपको पैसा ना लगाना पड़े.

    सूर्य की दशा के बाद आपकी कुंडली में चंद्रमा की महादशा आएगी तब फिर कुछ ना कुछ परेशानी होगी इसलिए आप बिजनेस में पैसा नहीं लगाएँ क्योंकि चंद्रमा आपके व्यवसाय का स्वामी होकर छठे भाव में है जिसका अर्थ है कि आपको नौकरी करनी चाहिए.

    आपको अभी प्रतिदिन आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ रोज सुबह के समय करना चाहिए. रोज सूर्य को जल दें. रविवार के दिन भोजन में नमक ना खाएँ. मीठा अथवा फीका भोजन ग्रहण करें. सूर्य की यह दशा मई 2019 तक रहेगी तब तक आपको सूर्य के बताए काम करते रहने हैं.

    https://chanderprabha.com/2012/09/02/aditya-hridaya-stotra/

    हमारे इस लिंक को क्लिक करेगें तो आपको आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ मिल जाएगा जिसका आप प्रिंट ले सकते हैं.

    थोड़ी राहत आपको दिसंबर से मिलनी आरंभ हो जाएगी. आप हिम्मत ना हारें.

  4. Main apne papa ke sath business me involve hu takrabian 12 -13 saal se lekin karz din pratidin badatejaraha hai aur aaj aisi paristhiti hai ki ghar wale mujhe job karne ko bol rahe hai, main job ke prati ashawantit nahi hu kya karu?

  5. namskar pandit ji.
    Mera name vikas h or me himachal ka rhne wala hu meri date of birth 29-07-1993 ha time 7:45 pm. me yah janna chahta hu ki kya meri kundli me govt. job ke yog h or h to kb tk yog bnega.

  6. Hello mam.mera naam archana hai main Lucknow u.p. se hoon meri DOB 29/12/1979 hai birth place Ghaziabad u.p. hai birth time ek dum sahi nahi pata hai Raat ka 1:30 ke aas paas ka 28 ki Raat ka mam meri shadi nahi ho pass Rahi hai bahut upaay kiye par koi fayda nahi hua plz mam help me

  7. नमस्कार, मेरा नाम अक्षय कुमार सविता है। मेरी जन्मदिनांक 10 सितंबर 1990, रात्रि 8:45, दिन सोमवार को हुआ। मैं अपने विषय में सिर्फ यह जानना चाहता हूँ कि मेरा भविष्य नौकर या व्यवसाय किसमें उत्तम रहेगा।

    धन्यवाद

  8. आप कोई भी एक मंत्र बुध का ले लीजिए, उसमें भी यदि आप पौराणिक मंत्र लेगें तो अच्छा रहेगा, बुध के मंत्र की एक माला सुबह या शाम के समय करें और साथ ही ‘नीलसरस्वती स्तोत्रम’ का पाठ सुबह के समय रोज करें. इन सबसे आपको लाभ होगा.

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