तुलसीस्तोत्रम्
जगद्धात्रि नमस्तुभ्यं विष्णोश्च प्रियवल्लभे। यतो ब्रह्मादयो देवा: सृष्टिस्थित्यन्तकारिण:।।1।। नमस्तुलसि कल्याणि नमो विष्णुप्रिये शुभे। नमो मोक्षप्रदे देवि नम: सम्पत्प्रदायिके।।2।।
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जगद्धात्रि नमस्तुभ्यं विष्णोश्च प्रियवल्लभे। यतो ब्रह्मादयो देवा: सृष्टिस्थित्यन्तकारिण:।।1।। नमस्तुलसि कल्याणि नमो विष्णुप्रिये शुभे। नमो मोक्षप्रदे देवि नम: सम्पत्प्रदायिके।।2।।