श्रीराम स्तुति

श्रीरामचन्द्र कृपालु भजु मन हरण भवभव दारुणं । नवकंज-लोचन, कंजमुख, कर-कंज, पद कंजारुणं ।। कंदर्प अगणित अमित छबि, नवनील-नीरद-सुंदरं ।

Continue reading

error: Content is protected !!