अथ अर्गला स्तोत्रम्

नमश्चण्डिकायै नम: मार्कण्डेयजी कहते हैं – जयन्ती मंगला, काली, भद्रकाली कपालिनी, दुर्गा, क्षमा, शिवा धात्री, स्वाहा और स्वधा इन नामों

Continue reading

error: Content is protected !!