षट्पदी स्तोत्रं
अविनयमपनय विष्णो दमय मन: शमय विषयमृगतृष्णाम्। भूतदयां विस्तारय तारय संसारसागरत:।।1।। अर्थ – हे विष्णु भगवान! मेरी उद्दण्डता दूर कीजिए, मेरे
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अविनयमपनय विष्णो दमय मन: शमय विषयमृगतृष्णाम्। भूतदयां विस्तारय तारय संसारसागरत:।।1।। अर्थ – हे विष्णु भगवान! मेरी उद्दण्डता दूर कीजिए, मेरे